टू-दि प्वाइंट : लड़ना समर से

Last Updated 03 May 2016 04:47:58 AM IST

गर्मी से लड़ने के कुछ खास उपाय इस प्रकार हैं-45 डिग्री के टेंपरेचर में फील करें कि यह 100 डिग्री भी हो सकता था. सोचकर राहत मिल जाती है.


आलोक पुराणिक

राहत दिमागी हालत का नाम है, 100 डिग्री के आगे 45 डिग्री राहत है.

ऐसी राहत यूपीवाले बहुत लेते रहते हैं. जिन इलाकों में चौबीस घंटे बिजली जाती है, वहां दो घंटे बिजली आकर जैसी राहत देती है, वैसी राहत तो 24 घंटे की बिजली भी ना देती. मेरे मुहल्ले में रहजन महिलाओं से छीना-झपटी करते थे, कुंडल, हार, चूड़ियां सब उतरवा लिया करते थे.

बाद में पुलिस ने तोड़-फैसला करवा दिया कि एक बार में रहजन सिर्फ  एक आइटम लेगा-कुंडल या हार या चूड़ी. अब मुहल्ले की लेडीज लोग इस तरह की बातें करती हैं-सच्ची में बहुत अच्छे रहजन हैं हमारे इलाके के सिर्फ  एक आइटम रखवाते हैं, एक बार में. पुलिस और रहजन दोनों ही बहुत प्रशंसा पाते हैं मेरे इलाके में, घणी राहत का जुगाड़ कर रखा है उन्होंने.

दूसरा उपाय है कि पति या पत्नी से बहुत जोर का झगड़ा कर मारें, पैंतालीस डिग्री टेंपरेचर पर झगड़ा शुरू करेंगे, तो आसपास टेंपरेचर 70 डिग्री तक पहुंच जाएगा. फिर झगड़ा खत्म होने के बाद खुद-ब-खुद गिरता टेंपरेचर राहत देता दिखाई देगा.

तीसरा उपाय यह है कि क्विज में बिजी हो जाएं. 46, 47 डिग्री, टेंपरेचर यहां तक जायेगा या इससे भी आगे जायेगा, या भारतीय राजनीति में गैर-भाजपा पार्टयिों द्वारा घोषित प्रधानमंत्रियों की संख्या 47 से ऊपर निकल जाएगी-नीतीश कुमार, शरद पवार, राहुल गांधी, मायावती, ममता बनर्जी, जयललिता.

चौथा उपाय यह है कि अमेरिका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के भाषण सुनें और अंदाज लगाएं कि इनकी मूर्खताओं की संख्या ज्यादा है मसलन 45, 46, 47 या यहां गर्मी में टेंपरेचर ज्यादा है. अगर आप विदेशी के विरोधी और स्वदेशी के समर्थक हैं, तो भारत भूमि में भी हमारे अपने मूर्ख हैं, उन पर ध्यान लगाकर भी इस उपाय को अंजाम दिया जा सकता है.

पांचवां उपाय यह है कि विचार करें कि कंगना रानावत-रितिक बवाल की खबरों से मुक्ति पहले मिलेगी या इस तीखी गर्मी से, वैसे जानकार बता रहे हैं कि दोनों ही मामलों में अक्टूबर से पहले राहत के आसार नहीं हैं.



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