धर्मशाला टेस्ट: भारत ने आस्ट्रेलिया को 8 विकेट से हराया, सीरीज पर किया कब्जा
भारत ने हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) स्टेडियम में खेले गए चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के चौथे दिन मंगलवार को आस्ट्रेलिया को 8 विकेट से हरा दिया.
भारत की आस्ट्रेलिया पर बड़ी जीत |
इसी के साथ भारत ने चार टेस्ट मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर 2-1 से अपना कब्जा जमा लिया है. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक मैच ड्रा रहा था.
भरत को चौथी पारी में जीत के लिए 106 रनों की जरूरत थी, जिसे उसने चौथे दिन दो विकेट खोकर हासिल कर लिया. नियमित कप्तान विराट कोहली की गैरमौजूदगी में टीम की कमान संभाल रहे अजिंक्य रहाणे 38 रन और लोकेश राहुल 51 रन बनाकर नाबाद लौटे.
भारत ने आस्ट्रेलिया की पहला पारी के 300 रनों के स्कोर का जवाब देते हुए अपनी पहली पारी में 332 रन बनाकर 32 रनों की बढ़त ले ली, फिर आस्ट्रेलिया को तीसरे दिन दूसरी पारी में 137 रनों पर ही ढेर कर दिया था. उसे जीत के लिए 106 रनों की दरकार थी. तीसरे दिन भारत ने बिना कोई विकेट खोए 19 रन बनाए थे.
अपने तीसरे दिन के स्कोर से आगे खेलने उतरी भारत ने दिन का पहला विकेट मुरली विजय (8) के रूप में गंवाया. इसके बाद चेतेश्वर पुजारा रन आउट होकर पवेलियन लौट गए. भारत ने 46 रनों पर अपने दो विकेट गंवा दिए.
इसके बाद उतरे कप्तान रहाणे ने तेजी से रन बनाए और दूसरे छोर पर खड़े राहुल का बखूबी साथ दिया. राहुल ने अर्धशतक पूरा करते हुए भारत को जीत दिलाई. उन्होंने 76 गेंदों का सामना किया और नौ चौके लगाए. रहाणे ने 27 गेंदों में चार चौके और दो छक्के लगाए.
मैच का रुख भारत के पक्ष में कराने में दो कारकों ने अहम भूमिका निभायी जिसमें जडेजा के अर्धशतक से भारतीय टीम पहली पारी में 332 रन बनाने में सफल रही और आस्ट्रेलिया के मुख्य बल्लेबाज स्टीव स्मिथ का भुवनेश्वर कुमार की गेंद पर खराब शाट चयन रहा. ग्लेन मैक्सवेल (45) और पीटर हैंड्सकांब (18) ने चौथे विकेट के लिए 56 रन की भागीदारी निभाकर सकारात्मक जज्बा दिखाया लेकिन उछाल भरी पिच पर दोनों के लिए क्रीज पर डटे रहना आसान नहीं था.
मैथ्यू वेड (90 गेंद में 25 रन) ने अच्छा रक्षात्मक रवैया अपनाया लेकिन इतना ही काफी नहीं था क्योंकि दूसरे छोर पर विकेट गिरते रहे. भुवनेर कुमार भाग्यशाली रहे जब स्मिथ ने उनकी शार्ट गेंद को पुल करने का प्रयास किया और यह उनके बल्ले से लगकर ऑफ स्टंप उखाड़ गई.
स्मिथ बेहतरीन फॉर्म में थे, उन्होंने 17 रन की पारी के दौरान तीन बाउंड्री लगा ली थी, लेकिन आउट होने से वह सीरीज में 500 रन पूरा करने से महज एक रन से चूक गए. कुछ बाउंसर फेंकने के बाद उमेश ने अच्छा मूवमेंट हासिल किया और इसी दौरान डेविड वार्नर (छह) उनकी गेंद पर बल्ला छुआकर विकेटकीपर रिद्धिमान साहा को कैच दे बैठे.
मैट रेनशॉ (आठ) को तब जीवनदान मिला जब भुवनेश्वर की गेंद पर करुण नायर ने तीसरी स्लिप में उनका कैच छोड़ दिया. लेकिन रेनशॉ ज्यादा देर तक क्रीज पर नहीं टिक सका और साहा को पारी का दूसरा कैच देकर पैवेलियन लौट गया.
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