गंभीर को मिल सकती है प्लेइंग इलेवन में जगह, शिखर बेंच पर !
गौतम गंभीर ने आश्चर्यजनक रूप से दो साल के अंतराल के बाद टीम इंडिया में वापसी की. उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ कोलकाता के ईडन र्गाडन में अंतिम एकादश में जगह मिल सकती है.
गौतम गंभीर और चेतेश्वर पुजारा (फाइल फोटो) |
गंभीर ईडन र्गाडन में 30 सितंबर से शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट में क्या अंतिम एकादश में जगह बना पाएंगे और क्या शिखर धवन को बेंच पर बैठना पड़ेगा, यह इस समय भारतीय क्रिकेट में यक्ष प्रश्न है.
गंभीर को ओपनर लोकेश राहुल के चोटिल होने के कारण तीन मैचों की सीरीज के शेष दो टेस्टों के लिये भारतीय टीम में शामिल किया गया है. गंभीर को जिस तरह टीम में लिया गया है उससे यह तो साफ होता है कि उन्हें अंतिम एकादश में जगह मिल सकती है.
कोलकाता गंभीर की आईपीएल टीम कोलकाता नाइटराइडर्स का घरेलू मैदान भी है और टीम के मालिक शाहरूख खान ने गंभीर की वापसी का स्वागत किया है. गंभीर ने नाइटराइडर्स को दो बार आईपीएल चैंपियन बनाया है और उन्हें अपने घरेलू मैदान ईडन गार्डन में काफी समर्थन मिल सकता है.
न्यूजीलैंड के खिलाफ जब सीरीज के लिये टीम चुनी गयी थी तो उस समय चयनकर्ताओं ने गंभीर को कोई प्राथमिकता नहीं दी थी लेकिन टीम में तीसरे ओपनर शिखर धवन के रहते जिस तरह गंभीर को टीम में वापिस लाया गया है वह इस बात का प्रबल संकेत देता है कि दिल्ली का यह बल्लेबाज एक बार फिर भारतीय जर्सी में मैदान में नजर आ सकता है.
यह भी दिलचस्प है कि गंभीर और शिखर दोनों ही बायें हाथ के बल्लेबाज हैं और दोनों दिल्ली का प्रतिनिधित्व करते हैं. भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली भी दिल्ली के ही हैं और यह भी दिलचस्प होगा कि विराट इन दोनों ओपनरों में से किस पर अपनी मुहर लगाते हैं.
34 वर्षीय गंभीर अपने 56 टेस्टों में भारत के लिये आखिरी टेस्ट अगस्त 2014 में ओवल में इंग्लैंड के खिलाफ खेले थे. उस दौरे में उन्होंने चार पारियों में मात्र 25 रन बनाये थे. उसके बाद से वह लगातार टीम से बाहर चलते रहे. 56 टेस्टों में 4046 रन बनाने वाले गंभीर की एक समय वीरेंद्र सहवाग के साथ जोड़ी बहुत सफल मानी जाती है. गंभीर और सहवाग ने 4412 रन जोड़े थे जो टेस्ट मैचों में भारत के लिये किसी ओपनिंग जोड़ी के सर्वाधिक रन हैं.
लोकेश राहुल को कानपुर टेस्ट में अनुभवी शिखर धवन पर वरीयता दी गयी थी. इससे पहले भी वेस्टइंडीज दौरे में राहुल को चार में से तीन टेस्टों में शिखर या मुरली विजय पर वरीयता मिली थी. राहुल ने उस दौरे में तीन पारियों में एक शतक और एक अर्धशतक बनाया था.
शिखर की खराब फार्म उन्हें कोलकाता टेस्ट से बाहर रख सकती है. वेस्टइंडीज में शिखर ने 84 रन की एक शानदार पारी खेली थी. उसके बाद उन्होंने तीन पारियों में 27, एक और 26 रन बनाये थे. दलीप ट्राफी के फाइनल में इंडिया रेड की ओर से खेलते हुये शिखर ने दोनों पारियों में 29-29 रन बनाये थे.
दूसरी ओर गंभीर ने दलीप ट्राफी में जबरदस्त बल्लेबाजी करते हुये पांच पारियों में 71.20 के औसत से 356 रन बनाये थे और इंडिया ब्लू को खिताब दिलाया था. गंभीर ने पांच पारियों में 77, 90, 59, 94 और 36 के शानदार स्कोर किये थे. इसी प्रदर्शन ने गंभीर को एक बार फिर भारतीय टीम में जगह बनाने का मौका दे दिया है.
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