लोढा समिति ने अनुराग ठाकुर, शिर्के को हटाने की मांग की, कहा BCCI के लोग खुद को भगवान समझते हैं
बीसीसीआई द्वारा सिफारिशों की अनदेखी किये जाने से नाराज न्यायमूर्ति आर एम लोढ़ा समिति ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में स्थिति रिपोर्ट पेश की और बोर्ड के शीर्ष पदाधिकारियों को पद से हटाने की मांग की.
BCCI को लगी फटकार (फाइल फोटो) |
उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित लोढा समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बीसीसीआई अपने कामकाम में सुधार के लिए न तो समिति की सिफारिशें मान रहा है, न ही शीर्ष अदालत के आदेश का सम्मान.
समिति ने आदेश की अवहेलना के लिए बोर्ड के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर एवं अन्य शीर्ष पदाधिकारियों को पद से हटाने की भी न्यायालय से मांग की है.
समिति ने अपनी रिपोर्ट में इन पदों पर क्रिकेट प्रशासकों को बिठाने का भी अनुरोध किया है.
समिति का कहना था कि अध्यक्ष अनुराग ठाकुर एवं सचिव अजय शिर्के बोर्ड के कामकाज में सुधार के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गये आदेश की अवहेलना करके हर कदम पर समिति की सिफारिशों की अनदेखी करते हैं. इसलिए ऐसे पदाधिकारियों को पद से हटाया जाना चाहिए.
लोढा समिति ने मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ से आग्रह किया कि वह बोर्ड के रवैये को लेकर यथाशीघ सुनवाई करें. इस पर न्यायमूर्ति ठाकुर ने कहा, हम जल्द इस मामले की सुनवाई करेंगे.
न्यायालय ने कहा कि यदि बीसीसीआई यह समझता है कि बोर्ड खुद अपने आप में कानून है, तो वह गलत सोचता है. बीसीसीआई में न्यायालय के प्रति सम्मान का कोई भाव नहीं है. शीर्ष अदालत ने बीसीसीआई में सुधार के प्रयासों में रोड़ा अटकाने के लोढा समिति के आरोपों का जवाब देने के लिए बोर्ड को छह अक्टूबर तक का समय दिया है.
गौरतलब है कि बीसीसीआई की 21 सितंबर को हुई सालाना आम सभा में शिर्के को सचिव नियुक्त किया था, जबकि पांच-सदस्यीय चयन समिति का चयन किया था. इसके बाद लोढा समिति ने आंतरिक बैठक आयोजित की थी और न्यायालय में स्थिति रिपोर्ट दायर करने का फैसला किया था.
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