श्रीनिवासन पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी, चेन्नई सुपर किंग्स पर मंडराए खतरे के बादल

Last Updated 28 Nov 2014 05:59:38 AM IST

इंडिया सीमेंट्स के मालिकाना हक वाली आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के अस्तित्व पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं.




श्रीनिवासन पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी.

इंडिया सीमेंट्स के प्रबंध निदेशक एन. श्रीनिवासन के खिलाफ भी सुप्रीम कोर्ट ने तीखी टिप्पणी की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुद्गल समिति द्वारा दागी करार दिए गए प्रशासकों को क्यों ने बीसीसीआई के चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित कर दिया जाए.

जस्टिस तीरथ सिंह ठाकुर और फकीर मोहम्मद इब्राहीम कलीफुल्ला की बेंच ने मुद्गल समिति की रिपोर्ट के आधार पर सट्टेबाजी में कथित संलिप्तता के लिए चेन्नई सुपर किंग्स और राज कुन्द्रा और उनकी पत्नी शिल्पा शेट्टी के स्वामित्व वाली राजस्थान रॉयल्स और उनके अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने पर बीसीसीआई से भी सवाल किए. बेंच ने श्रीनिवासन का पक्ष लेने के लिए बीसीसीआई को भी आड़े हाथ लिया.

\"\"बृहस्पतिवार को लगभग साढ़े तीन घंटे की सुनवाई के बाद एन. श्रीनिवासन के क्रिकेट के प्रशासक बने रहने और आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की स्थिति को लेकर अनिश्चितता छा गई है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि क्या बीसीसीआई के चुनावों से उन लोगों को बाहर रखा जा सकता है जिनके नाम मुद्गल समिति की रिपोर्ट में आए हैं और क्या चेन्नई सुपर किंग्स की फ्रेंचाइजी निरस्त की जा सकती है.

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि यदि श्रीनिवासन की इंडिया सीमेंट्स के स्वामित्व वाली चेन्नई सुपर किंग्स की फ्रेंचाइजी निरस्त कर दी जाए तो क्या होगा और क्या हितों के टकराव का मसला बरकरार रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने श्रीनिवासन के बीसीसीआई का मुखिया होने और चेन्नई सुपर किंग्स का मालिक होने के कारण हितों के टकराव से जुड़े सवाल भी पूछे. चेन्नई सुपर किंग्स के स्वामित्व की जानकारी प्राप्त करने के इरादे से अदालत ने निर्वासित अध्यक्ष से इंडिया सीमेंट्स की शेयर होल्डिंग और निदेशक मंडल का विवरण भी मांगा है. श्रीनिवासन के अनुसार कंपनी इस टीम की मालिक है. श्रीनिवासन इंडिया सीमेंट्स के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं.

श्रीनिवासन और कंपनी ने अदालत के समक्ष स्वीकार किया था कि आईपीएल-6 के दौरान सट्टेबाजी के आरोप में गिरफ्तार गुरुनाथ मय्यपन चेन्नई सुपर किंग्स का अधिकारी था. उन्होंने पहले मय्यपन को क्रिकेट प्रेमी बताते हुए कहा था कि उसका टीम प्रबंधन से कुछ लेना-देना नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड अपने चुनाव कार्यक्रम को जारी रख सकता है लेकिन मुद्गल रिपोर्ट में जिन लोगों के नाम आए हैं, उन्हें इससे दूर रखना चाहिए. बेंच ने कहा कि नया बोर्ड इस रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर की जाने वाली कार्रवाई के बारे में फैसला कर सकता है.

अदालत ने कहा कि हम कार्रवाई क्यों करें. आप खुद निर्णय लीजिए. इस मसले पर बचाव की मुद्रा में आने की जरूरत नहीं है. हम आपको मौका देंगे. इस विषय पर गौर कीजिए. बीसीसीआई को सारे विवाद को खत्म करना चाहिए. बेंच ने कहा कि इस विवाद में शामिल सभी व्यक्तियों को अलग रखकर बोर्ड के चुनाव हो सकते हैं और फिर नया बोर्ड फैसला ले सकता है.

अदालत ने कहा कि दो पहलू हैं जिन पर गौर करना होगा और ये हैं कि चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रायल्स तथा श्रीनिवासन, मय्यपन और कुन्द्रा का क्या होगा. बेंच ने कहा कि टीम के सदस्यों और कप्तान के चयन की प्रक्रिया हो सकता है कि प्रत्यक्ष तौर पर नहीं बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से मय्यपन अपनी पत्नी के जरिए करता हो जो इंडिया सीमेंट्स के बोर्ड की सदस्य हैं और कंपनी में उनके शेयर हैं.

अदालत ने कहा कि हो सकता है कि कंपनी में किसी प्रकार की हिस्सेदारी नहीं होने के बावजूद अंतत: टीम पर उसका नियंत्रण हो. हम कंपनी के बोर्ड के सदस्यों और इसमें श्रीनिवासन तथा उनके परिवार की हिस्सेदारी के बारे में जानना चाहते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि वे कौन लोग हैं जिन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स के बारे में कंपनी की ओर से निर्णय लिया. हम चेन्नई सुपर किंग्स के असली मालिक के बारे में जानना चाहते हैं.

बोर्ड की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर्यम सुन्दरम ने श्रीनिवासन का बचाव करते हुए कहा कि मय्यपन की कंपनी में कोई हिस्सेदारी नहीं है. इस पर बेंच ने कहा कि आप इंडिया सीमेंट्स का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं या बीसीसीआई का. श्रीनिवासन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि श्रीनिवासन या चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने मुद्गल समिति के समक्ष इस तरह का कोई मौखिक या लिखित बयान नहीं दिया कि मय्यपन सिर्फ क्रिकेट प्रेमी था.

 



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