यूजीसी ने 23 फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची जारी की, कठोर कार्रवाई करने की मांग

Last Updated 23 Oct 2016 02:13:38 PM IST

यूजीसी के 2016 में 23 फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची जारी की है जबकि 2011 में जारी ऐसी सूची में 21 फर्जी विश्वविद्यालयों के नाम थे.


यूजीसी के 23 फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची जारी (फाइल फोटो)

गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्राप्त करने की हसरत लिये काफी संख्या में छात्र देश में फर्जी उच्च शैक्षणिक संस्थाओं, विश्वविद्यालयों के

झांसे में फंसकर अपना भविष्य अंधकारमय बनाने को मजबूर है, ऐसे में छात्रों के साथ धोखाधड़ी करने और उनका भविष्य अंधकार में डालने वाले व्यक्तियों या संस्थाओं पर कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग उठ रही है.
   
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के 2016 में 23 फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची जारी की जबकि आयोग की ओर से 2011 में जारी ऐसी सूची में 21 फर्जी विश्वविद्यालयों के नाम थे. इन कवायदों के बावजूद छात्रों के साथ आज भी धोखाधड़ी बदस्तूर जारी है.
   
राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के पूर्व अध्यक्ष एवं सुब्रमण्यम समिति के सदस्य जे एस राजपूत ने कहा, ‘‘मैं तो 10-15 वर्षो से यह देख रहा हूं कि यूजीसी इस प्रकार की फर्जी विस्वविद्यालयों की सूची जारी करती है. लेकिन इस बारे में हमारा रवैया लचर है. इस स्थिति में तब तक कोई सुधार नहीं हो सकता है कि जब तक कि छात्र, अभिभावक, यूजीसी जैसी नियामक संस्थाएं मिलकर पहल नहीं करती. ’’
   
उन्होंने कहा कि ‘चलता है’ प्रवृति के कारण जवाबदेही तय नहीं हो पाती है. आपके पास ऐसे फर्जी संस्थाओं की सूची है तब क्यों नहीं तत्काल इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होते, इन्हें कालीसूची में क्यों नहीं डाला जाता है? इन संस्थाओं में पढ़ाने वाले शिक्षकों को निषेध क्यों नहीं किया जाता है? हम सब को यह काम करना है, छात्रों का भविष्य अंधेरे में डालने वालों को कठोर दंड सुनिश्चित करने की जरूरत है.
   
यूसीजी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. यशपाल ने कहा कि ऐसे फर्जी शिक्षण संस्थाओं पर कठोर कार्रवाई करने के प्रावधान हैं. जरूरत है कि इन्हें लागू किया जाए. छात्रों के भविष्य की सुरक्षा सवरेपरि है. ऐसे संस्थाओं पर कार्रवाई होनी चाहिए.

यूजीसी के अनुसार 23 विविद्यालय ऐसे हैं जिन्हें फर्जी विविद्यालयों की यूजीसी सूची में रखा गया है. ये विविद्यालय देश के विभिन्न भागों में यूजीसी कानून, 1956 के खिलाफ या उसका उल्लंघन कर कार्य कर रहे हैं. इस संबंध में राज्यों को जांच कर ऐसे संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा गया है.

इनमें से सबसे अधिक 9 फर्जी विविद्यालय उत्तर प्रदेश में हैं जबकि दिल्ली में पांच और पश्चिम बंगाल में दो  से संस्थानों का पता लगा है. इसके अलावा बिहार, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और ओडिशा में एक एक फर्जी विश्वविद्यालय हैं.
    
संसद के पिछले सत्र में राज्यसभा में फर्जी विविद्यालयों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सरकार ने बताया था कि जिन राज्यों में फर्जी विश्वविद्यालय पाये गए हैं, उन राज्यों के मुख्य सचिवों से अनुरोध किया गया है कि वे मामले की जांच करें और इन फर्जी विविद्यालयों के खिलाफ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं.
    
मानव संसाधन विकास मंत्री ने बताया था कि मंत्रालय और यूजीसी ने अपनी जिम्मेदारी के तहत राज्यों को अवगत करा दिया है और कानून व्यवस्था राज्य का विषय होने के तहत अब कार्रवाई उन्हें ही करनी है. उन्होंने कहा था कि सभी राज्यों ने संकेत दिया है कि वे कार्रवाई करेंगे .
    
सरकार ने छात्रों के लिए ऐसे संस्थानों से सावधान करने के लिए ‘नो योर कालेज’ नाम से एक पोर्टल की शुरुआत की है. इससे छात्र आसानी से पता लगा सकेंगे कि उनका कॉलेज मान्यता प्राप्त है या नहीं. इसके साथ ही एक शिकायत तंत्र की भी व्यवस्था की गयी है.
 

भाषा


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