युवा इनोवेटर्स के लिए राष्ट्रीय प्रतियोगिता, राष्ट्रपति देंगे पुरस्कार

Last Updated 18 Sep 2016 11:39:20 AM IST

स्कूल-कॉलेज की पढ़ाई के दौरान मिलने वाले प्रोजेक्ट में छात्र अक्सर कुछ ऐसी खोजें कर लेते हैं, जो समाज में मौजूद किसी समस्या को हल कर सकती हैं.


युवा इनोवेटर्स के लिए राष्ट्रीय प्रतियोगिता

कई बार इस तरह की खोज करने वालों को पहचान मिल पाती है और कभी वह गुमनाम ही रह जाते हैं, लेकिन अब समाज के लिए उपयोगी खोज करने वाले युवा गांधियन यंग टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन अवॉर्डस के लिए आवेदन कर अपने सपनों को हकीकत में बदल सकते हैं.

इस प्रतियोगिता के विजेताओं को मार्च-2017 में राष्ट्रपति भवन में आयोजित किए जाने वाले ‘फेस्टिवल ऑफ इनोवेशन’ में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा. आवेदन के लिए आपको जीवाईटीआई.टेकपीडिया.इन पर अपने प्रोजेक्ट की जानकारी देनी है. आवेदन 30 नवंबर 2016 तक किए जा सकते हैं.

सोसाइटी फॉर रिसर्च एंड इनिशिएटिव्स फॉर सस्टेनेबल टेक्नोलॉजीज एंड इंस्टीट्यूशन्स (सृष्टि) के सलाहकार डॉ दिनेश अवस्थी ने ‘भाषा’ से कहा, ‘ये पुरस्कार युवा छात्रों में नवोन्मेषी प्रवृत्ति को बढ़ावा देने के लिए हैं और हमारा प्रमुख फोकस जमीनी स्तर के नवोन्मेषों पर है’.

उन्होंने कहा, ‘इस प्रतियोगिता में कई वर्ग हैं. आवेदक अपने प्रोजेक्ट को एक से अधिक वर्गों के लिए जमा करवा सकता है. यह प्रतियोगिता मुख्य तौर पर इंजीनियरिंग की पढ़ाई से जुड़े छात्रों के लिए है’.

प्रतियोगिता में पहला वर्ग ‘एमएलएम:मोर फ्रॉम लेस फॉर मैनी’ है. यह सीमित संसाधनों से अत्यधिक लाभ अर्जित करने वाले नवोन्मेषों के लिए है.

दूसरा वर्ग ‘सृष्टि सोशली रेलेवेंट टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन अवॉर्ड’ है. इसमें वे नवोन्मेष आएंगे, जिन्होंने समाज के सामने मौजूद किसी समस्या का निदान किया होगा या मौजूदा हल को बेहतर बनाया होगा.

तीसरा वर्ग ‘टेक्नो एज अवॉर्ड’ है, जिसमें किसी भी तकनीकी क्षेत्र के विशेष नवोन्मेष को शामिल किया जाएगा.

इसके अलावा एक वर्ग ‘बाइरेक-सृष्टि जीवाईटीआई अवॉर्ड’ का है. यह वर्ग चिकित्सा, स्वास्थ्य सेवा और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र से जुड़े नवोन्मेषों के लिए है.

इसमें चुने जाने वाले 15 छात्रों को 15-15 लाख रूपए का पुरस्कार दिया जाएगा ताकि वे आगे शोध कर सकें और अपने प्रोटोटाइप को विकसित कर सकें.

‘बाइरेक-सृष्टि एप्रिसिएशन अवॉर्ड’ में जमीनी स्तर के नवोन्मेषकों और स्कूली छात्रों के 100 नवोन्मेषों के लिए एक-एक लाख रूपए का पुरस्कार दिया जाएगा. यह राशि इनके नवोन्मेषों को प्रयोगशालाओं में विकसित करने के लिए होगी.

अंतिम वर्ग हरि ओम आश्रम प्रेरित, डॉ अमूल्य के एन रेड्डी जीवाईटीआई पुरस्कार है. इसमें पांच छात्रों को 50-50 हजार रूपए का पुरस्कार दिया जाएगा.

अवस्थी ने बताया, ‘सृष्टि विजेताओं का संपर्क महत्वपूर्ण संस्थाओं से भी करवा सकती है ताकि उनके नवोन्मेषी विचारों और खोजों को विकसित किया जा सके’.

अहमदाबाद स्थित ‘सृष्टि’ विकास कायरें के प्रति समर्पित और स्वयंसेवी संस्था है, जिसकी स्थापना जमीनी स्तर के खोजकर्ताओं, नवोन्मेषकों और जैवविविधता के संरक्षण में जुटे उद्यमियों को मजबूत करने के लिए की गई है.



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