देश में एमपीसीवेट की परीक्षा पहली बार हुई ऑनलाइन
देश में एमपीसीवेट के प्रक्षिणार्थियों की परीक्षा पहली बार ऑनलाइन करवाई गई.
(फाइल फोटो) |
महानिदेशक प्रशिक्षण भारत सरकार ने पॉयलट प्रोजेक्ट के रूप में मध्य प्रदेश को ऑनलाइन परीक्षा करवाने की जिम्मेदारी दी है. देश के अन्य राज्यों में अभी पारम्परिक ढंग से परिक्षाएं हो रही हैं.
आधिकारिक जानकारी के अनुसार बुधवार को परीक्षा के पहले दिन प्रदेश में कुल 87 परीक्षा केन्द्र पर 7782 परीक्षार्थी प्रथम पाली में और 8300 परीक्षार्थी द्वितीय पाली में परीक्षा में बैठे.
परीक्षा समाप्ति पर उनके द्वारा प्राप्त अंक मालूम हो गए. जो परीक्षार्थी अनुत्तीर्ण हुए हैं उन्हें 15 दिन बाद फिर से पूरक परीक्षा देने का मौका मिल जायेगा.
मध्य प्रदेश में पहले ही चार चरण में आईटीआई सेमेस्टर परीक्षा को सफलता से करवाया जा चुका है. फरवरी 2015 में 22 हजार 678, जुलाई 2015 में 19 हजार 929, अगस्त 2015 में 11 हजार 931 और जनवरी 2016 में 35 हजार 250 परीक्षार्थी ऑनलाइन परीक्षा दे चुके हैं.
फरवरी 2015 से पूर्व एससीवीटी परीक्षा पारंपरिक पद्धति से होती थी. इसमें प्रति सेमेस्टर परीक्षा और मूल्यांकन के लिए समय और संसाधनों का अत्यधिक व्यय होता था. पारंपरिक पद्धति से लिखित परीक्षा और मूल्यांकन और परीक्षा परिणाम घोषित करने में अत्यधिक समय लगता था.
जो प्रक्रिया पहले 4 माह में होती थी वह अब सिर्फ 2 दिवस में पूरी हो रही है. परीक्षार्थी के मूल्यांकन के लिए त्वरित और विश्वसनीय डिजिटल प्रणाली विकसित की गई है. इससे उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में मानवीया त्रुटियों की संभावना कम हुई है. प्रश्न-पत्रों और उत्तर-पुस्तिकाओं को बिना पेपर प्रिंट रखने से परिवहन तथा कार्बन फुट प्रिंट में काफी कमी आई है.
ऑनलाइन परीक्षा का प्रमुख प्रभाव यह है कि परीक्षार्थियों को उनके अंकों की जानकारी प्रश्न-पत्र समाप्ति के तत्काल बाद ऑनलाइन ही मिल जाती है. संपूर्ण सेमेस्टर परीक्षा परिणाम परीक्षा समाप्ति के दो दिन में मिल जाते हैं.
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