छठी से दसवीं के छात्र सीखेंगे फर्स्ट एड
देशभर के स्कूलों के छठीं से दसवीं कक्षाओं के विद्यार्थी भी अब अपने साथियों का प्राथमिक इलाज (फर्स्ट एड) करना सीखेंगे.
स्कूलों में छठी से दसवीं के छात्र सीखेंगे फर्स्ट एड |
साथ ही साथ शिक्षकों और कर्मचारियों को भी यह ट्रेनिंग दी जाएगी. फर्स्ट एड अब करिकुलर एक्टिविटी का हिस्सा होगी. केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने इस संबंध में देशभर के स्कूलों को दिशा-निर्देश जारी किये हैं.
स्कूलों को कहा गया है कि स्कूल में फर्स्ट एड को लेकर पूरी व्यवस्था होनी जरुरी है. साथ ही कोकरिकुलर एक्टिविटी और डिजास्टर मैनजेमेंट के दौरान फर्स्ट एड को लेकर जागरूकता लाई जाए. साथ ही छठी से दसवीं तक के विद्यार्थियों को फर्स्ट एड की ट्रेनिंग भी दी जाए.
स्कूलों को फर्स्ट एड के महत्व पर जोर देते हुए बोर्ड ने स्कूल प्राचार्यों को निर्देश भेजे हैं. स्कूलों को भेजे निर्देश में बोर्ड ने कहा है कि फर्स्ट एड कोकरिकुलर एक्टिविटी का हिस्सा होगी. बोर्ड ने कहा कि एफिलिएशन बायलॉज के अनुसार स्कूलों को हेल्थ और फिजिकल एजुकेशन टीचर की नियुक्ति करना जरूरी है.
यह शिक्षक ही फर्स्ट एड को लेकर व्यवस्था करेंगे. स्कूलों को कहा गया है कि स्कूल में विद्यार्थियों के लिए हेल्थी एन्वायरमेंट उपलब्ध कराएं. स्कूल की जरुरत के अनुसार फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था करने कहा गया है.
यदि हेल्थ-फिजिकल एजुकेशन टीचर किसी भी दिन छुट्टी पर है तो उसकी जगह पहले से दूसरे शिक्षक को डय़ूटी देनी होगी. किसी शिक्षक को भी यह काम देना होगा जो समय-समय पर फर्स्ट एड बॉक्स के सामान का निरीक्षण कर सके जिससे दवाइयों की अवधि और कमी की जांच हो सके और उसे पूरा किया जा सके. विद्यार्थियों के हेल्थ रिकॉर्ड भी रखना जरूरी होंगे. बोर्ड ने उम्मीद जताई है कि स्कूल दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे.
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