मल्टीमीडिया और एनिमेशन इंडस्ट्री में डिजाइन करें भविष्य

Last Updated 03 Oct 2015 12:44:20 PM IST

कंप्यूटर तकनीक के विकास के साथ मल्टीमीडिया ने अब एक पेशे का रूप ले लिया है. डिजिटल मल्टीमीडिया, एनिमेशन और गेमिंग इत्यादि के लिए निकट भविष्य में तकरीबन 15 लाख प्रोफेशनल्स की जरूरत होगी.


फाइल फोटो

इसमें कंप्यूटर तकनीक के जरिये टेक्स्ट ग्राफिक्स, एनीमेशन ऑडियो और वीडियो जैसे घटकों के उचित संयोजन से एंटरटेनमेंट मूवीज से लेकर एनीमेशन गेम्स, इंटरएक्टिव मल्टीमीडिया प्रोग्रामिंग और वेब कंटेंट डेवलपमेंट तक में इसके इस्तेमाल का व्यापक दायरा है.

आपने रुपहले परदे पर गॉडजिला, स्पाइडरमैन, सुपरमैन, एलियन्स तो देखी होगी. इसके अलावा तरह तरह के कार्टुन कैरक्टर को अपने कारनामे दिखाते देखा होगा. इन सबके पीछे जो चीज काम करती है वो है मल्टीमीडिया जो कल्पना को मूर्तरूप प्रदान करती है साथ ही इसमें वेबसाइट डिजाइनिंग एनीमेशन स्पेशल इफेक्ट्स और डिजिटल वीडियो तैयार करना शामिल है.

यह एक सम्भावनाओं से भरा सेक्टर है जिसमें रोजगार के बेशुमार मौके हैं. मल्टीमीडिया का बढ़ता दायराहमारे देश की एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री सालाना 20 फीसदी दर से बढ़ रही है. डिजिटल मल्टीमीडिया, एनिमेशन और गेमिंग इत्यादि के लिए निकट भविष्य में तकरीबन 15 लाख दक्ष पेशेवरों की जरूरत होगी. कंप्यूटर, वीडियो और वायरलेस (मोबाइल) गेम डेवलपमेंट सेक्टर में भी पिछले कुछ वर्षो के दौरान उल्लेखनीय विकास दर्ज किया गया है.

नैसकॉम की रिपोर्ट ने तो यहां तक कहा है कि एनिमेशन इंडस्ट्री में हजारों की संख्या में प्रोफेशनल काम कर रहे हैं लेकिन इनकी डिमांड लाखों में है. इसी तरह गेमिंग उद्योग में भविष्य में लाखों प्रोफेशनल्स की डिमांड होगी. ट्रेनिंग एवं कोर्समल्टीमीडिया में सर्टिफिकेट कोर्स से लेकर तीन से चार वर्ष के बैचलर डिग्री कोर्स भी उपलब्ध हैं.इंडस्ट्रीयल डिजाइन, मुंबई, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद जैसे संस्थान मल्टीमीडिया एप्लीकेशन डेवलपमेंट को बढ़ावा दे रहे हैं.

एनआईडी एनिमेशन फिल्म डिजाइन, फिल्म एंड वीडियो कम्युनिकेशन, ग्राफिक डिजाइन और न्यू मीडिया डिजाइन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स उपलब्ध कराता है. बीएसएसी एवं एमबीए इन एनिमेशन, बीए इन 3डी एनिमेशन एंड विजुअल इफेक्टस, सर्टिफिकेट इन फिल्म मेकिंग जैसे कोर्स भी खूब प्रचलन में हैं.

इसके अलावा बैचलर इन मल्टीमीडिया, बैचलर इन एनिमेशन, बैचलर इन डिजिटल मीडिया, बैचलर इन गेम्स एंड इंट्रैक्टिव मीडिया डिजाइन, बैचलर इन ग्राफिक डिजाइन, बैचलर इन विजुअल कम्युनिकेशन, डिप्लोमा इन मल्टीमीडिया एंड एनिमेशन जैसे कोर्स कर करियर को नया आयाम दिया जा सकता है.

आवश्यक योग्यता एनिमेशन और मल्टीमीडिया में अगर आप करियर बनाना चाहते हैं तो इसके लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं किसी भी संकाय यानी आर्ट्स, साइंस व कॉमर्स में 50 फीसदी के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए. उसके बाद ग्रेजुएशन और  डिप्लोमा कोर्स में दाखिला मिलता है.

कला पृष्ठभूमि वाले छात्र भी इसमें दाखिला ले सकते हैं. वास्तविकता यह है कि आर्ट की जानकारी रखने वाले छात्रों को कई सम्यक सहायता मिलती हैं. परास्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश तभी मिल पाता है, जब छात्र के पास स्नातक की डिग्री हो.

संभावनाएंइस क्षेत्र से जुड़े पेशेवर दक्षता हासिल कर एडिटर, कंटेंट प्रोवाइडर, एनिमेटर, डिजाइनर, ग्राफिक आर्टिस्ट, इलस्ट्रेटर, ऑपरेटर, मल्टीमीडिया डेवलपर, मल्टीमीडिया सिस्टम एनालिस्ट, प्रोड्यूसर, पब्लिशर, प्रोग्रामर, प्रोजेक्टर मैनेजर, साउंड टेक्निशियन, वीडिया टेक्निशियन समेत और भी कई तरह से काम कर सकते हैं.

मल्टीमीडिया प्रोफेशनल्स यदि चाहें तो प्रिंट मीडिया, वेब पब्लिकेशन और ब्रॉडकास्ट मीडिया में अपने लिए रोजगार की राह तलाश सकते हैं. इसके अलावा एडवरटाइजिंग, रिटेल डिजाइन, मल्टीमीडिया एंव वेब डिजाइन, एनिमेशन, इलेक्ट्रॉनिक व न्यूज मीडिया और  फिल्मों में भी इस क्षेत्र से जुड़े प्रोफेशनल्स के लिए रोजगार के विकल्प उपलब्ध हैं.

बतौर फ्रीलांसर भी इसमें ढेरों काम हैं ऐसा कहना है टीजीसी एनिमेशन एंड मल्टीमीडिया के डायरेक्टर रवि रंजन का. आमदनी का जरियाशुरुआती सैलरी 10-15 हजार रुपये प्रतिमाह से लेकर 25 हजार रुपये प्रतिमाह तक हो सकती है. इसलिए इसमें एक-दो वर्ष के अनुभव के बाद ही आप 50 हजार रुपये प्रतिमाह से अधिक की कमाई कर सकते हैं.

विदेशों में एनिमेशन प्रोजेक्ट का काम काफी महंगा होने के कारण वहां की कंपनियां ऐसे काम बड़ी संख्या में भारत से आउटसोर्स कर रही है. इन सबके अलावा काटरून फिल्मों, फिल्मों, विज्ञापनों आदि के लिए भी काम करके हर माह लाखों रुपये काम सकते हैं.

 



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