..और गर्ल्स होस्टल खाली

Last Updated 26 Aug 2015 01:03:40 PM IST

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के मस्तूरी स्थित प्री-मैट्रिक अनुसूचित जाति बालिका छात्रावास की सभी छात्राएं होस्टल छोड़कर घर पहुंच गई हैं.


बालिका छात्रावास (file photo)

 बताया जाता है कि छात्रावास में ढंग का खाने नहीं मिलने की वजह से परेशान छात्राओं ने यह कदम उठाया है. मस्तूरी स्थित यह छात्रावास 40 सीटर है.

जहां दूरस्थ अंचलों की कक्षा छठी से लेकर बारहवीं तक की छात्राएं रहकर अध्ययन करती हैं. बीते रविवार सुबह अचानक सभी छात्राओं ने बिना किसी को बताए छात्रावास छोड़ दिया. इसके चलते ट्राइबल विभाग और जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया था. वहीं छात्राओं के सकुशल उनके घर पहुंच जाने से जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली. जानकारी मिलते ही एसडीएम ने अधीक्षिका को हटा दिया है.

बताया जाता है कि छात्राओं का खराब भोजन को लेकर अधीक्षिका नयन तिवारी से कई दिनों से विवाद चल रहा था. वहीं दो दिन पहले ही अधीक्षिका ने मोबाइल की चोरी को लेकर छात्राओं पर आरोप भी मढ़ दिया था, लेकिन सामान की जांच में आरोप गलत पाया गया. इस बात से भी छात्राएं आक्रोशित थीं. वहीं, शनिवार रात भी छात्राओं का अधीक्षिका से जमकर विवाद हुआ था.

इधर, चार छात्राओं के खिलाफ अधीक्षिका रिपोर्ट लिखाने रविवार को थाने भी पहुंच गईं और शनिवार को भोजन को लेकर छात्राओं से विवाद की जानकारी दी. शिकायत की जांच करने पुलिस जब छात्रावास पहुंची तो छात्राओं के होस्टल छोड़ देने की जानकारी मिली.



वहीं छात्रावास के कर्मचारियों ने भी भोजन को लेकर विवाद की जानकारी दी. छात्रावास से छात्राओं के गायब होने की जानकारी मिलने पर पुलिस ने अधीक्षिका से पूछताछ की. बाद में अधीक्षिका ने अपनी शिकायत भी वापस ले ली.

छात्राओं के एक साथ होस्टल छोड़ देने की घटना को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम टेकचंद अग्रवाल ने अधीक्षिका को तत्काल प्रभार से हटा दिया है. वहीं अग्रवाल का कहना है कि मामले में प्रथम दृष्टया अधीक्षिका की गलती ही सामने आई है.



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