शीर्ष प्रबंधन स्तरों पर विदेशी पेशेवरों की नियुक्ति का बढ़ रहा है प्रचलन
विदेशों में पांव पसार रहे भारतीय कंपनी समूहों में शीर्ष प्रबंधन के पदों पर विदेशियों की अच्छी मांग है.
शीर्ष प्रबंधन पदों पर विदेशियों की मांग (फाइल फोटो) |
एक अनुमान है कि देश में इस समय विभिन्न पेशेवर पदों पर 30,000-35,000 विदेशी काम कर रहे हैं.
मानव संसाधन विशेषज्ञों का मानना है कि कम-से-कम 15 से 20 प्रतिशत भारतीय कंपनियां विदेशी पेशेवरों को कार्यकारी स्तर के पदों पर नियुक्त करने लगी है जिसमें सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) निदेशक मंडल के सदस्य तक के पद शामिल हैं.
पिछले दो दशकों में विभिन्न उद्योगों में विदेशी पेशेवरों की नियुक्ति का प्रचलन बढ़ा है लेकिन पिछले कुछ साल से इसमें उल्लेखनीय तेजी आई है.
मानव संसाधन सेवा कंपनी रैंडस्टैड इंडिया के अनुसार फिलहाल भारत में 30,000 से 35,000 विदेशी पेशेवर काम कर रहे हैं और आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर भारत के लौटने के साथ आने वाले समय में इसमें करीब 10 से 15 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है.
रैंडस्टैड इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मूर्ति के उपालुरी ने कहा, ‘भारतीय कंपनियां वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है, ऐसे में वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिकने के लिये तकनीकी और कामकाजी अनुभव रखने वाले विदेशी पेशेवरों को नियुक्त किया जा रहा है’’.
कार्यकारियों को तलाश करने वाली कंपनी एमएएनसीईआर कंसल्टिंग के सीईओ सत्य डी सिन्हा ने कहा कि शीर्ष प्रबंधन पदों पर विदेशी पेशेवरों को नियुक्त किये जाने का प्रचलन लंबे समय से दुनिया में देखा जा रहा है.
वैश्विकरण बढ़ने के साथ पिछले पांच-छह साल में यह प्रवृत्ति बढी है.
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