केंद्रीय विद्यालय के छात्र 'अतिरिक्त' विषय के तौर पर पढ़ सकेंगे जर्मन

Last Updated 19 Nov 2014 08:23:19 PM IST

तीसरी भाषा के रूप में जर्मन को संस्कृत से बदलने के निर्देश के कुछ ही दिन बाद सरकार ने कहा है कि इस विदेशी भाषा को पढ़ने के इच्छुक छात्र 'अतिरिक्त' विषय के रूप में इसका अध्ययन कर सकते हैं.




अतिरिक्त विषय के तौर पर पढ़ सकेंगे जर्मन (फाइल फोटो)

साथ ही इसकी पढ़ाई के लिए नियुक्त शिक्षकों की सेवाएं जारी रहेंगी.
    
एक आदेश जारी किया गया है, जिसके अनुसार छठी से आठवीं कक्षा के छात्रों ने तीसरी भाषा के रूप में जर्मन में अब तक जो ग्रेड हासिल किए हैं उन्हें तीसरी भाषा के सकल वार्षिक आकलन में जोड़ा जाएगा.
    
आदेश के अनुसार, ‘‘एतद्द्वारा स्पष्ट किया जाता है कि जर्मन भाषा की पढ़ाई करने वाले छठी से आठवीं कक्षा के जो छात्र अतिरिक्त विषय या हॉबी क्लास के रूप में इसकी पढ़ाई जारी रखना चाहेंगे, उनके लिए इसकी पढ़ाई जारी रहेगी’’.
    
केंद्रीय विद्यालय द्वारा दो दिन पूर्व जारी किए गए परिपत्र के अनुसार, ‘‘इसलिए जर्मन भाषा पढ़ाने के लिए अनुबंध के आधार पर भर्ती किए गए शिक्षकों की सेवाएं भी मौजूदा नियम और शर्तों के अनुरूप जारी रहेंगी’’.

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पिछले सप्ताह केंद्रीय विद्यालयों में तीसरी भाषा के विकल्प के रूप में जर्मन को संस्कृत से बदलने का फैसला किया था.

मंत्रालय का तर्क था कि मौजूदा व्यवस्था तीन भाषा फॉर्मूले के खिलाफ है और शिक्षा पर राष्ट्रीय नीति का उल्लंघन है.
     
मंगलवार को जारी किए गए एक अन्य परिपत्र में कहा गया है कि बच्चों को तीसरी भाषा के अध्ययन की सुविधा देने के लिए यह फैसला किया गया है कि इन बच्चों को कक्षा छह के पहले टर्म के सिलेबस के साथ यह भाषा पढ़ाई जाएगी, कक्षा सात और आठ के जिन बच्चों ने तीसरी भाषा के तौर पर जर्मन ली है उनपर भी यही नियम लागू होगा, ताकि उनके लिए इसकी पढ़ाई का क्रम एकदम शुरू से आरंभ हो और उनपर अधिक दबाव न पड़े’’.
     
यह परिपत्र इसलिए जारी किया गया क्योंकि इस संबंध में निर्देश जारी करना जरूरी था कि कक्षा छह से आठ के छात्रों को, जो अब तक जर्मन भाषा की पढ़ाई कर रहे थे, तीसरी भाषा किस तरह पढ़ाई जाएगी.
     
परिपत्र के अनुसार, ‘‘इन बच्चों की सुविधा के लिए यह व्यवस्था की गई है कि तीसरी भाषा के रूप में जर्मन के अध्ययन के पिछले टर्म में इन्होंने जो ग्रेड हासिल किए हैं, उनपर तीसरी भाषा के उनके वार्षिक परिणाम को अंतिम रूप देते समय विचार किया जाएगा’’.
     
जर्मन को संस्कृत से बदलने के मंत्रालय के आदेश से केंद्रीय विद्यालयों में छठी से आठवीं कक्षा में पढ़ रहे तकरीबन 68 हजार बच्चे प्रभावित हुए हैं.
     
आदेश में कहा गया है कि जल्द ही शुरू होने वाले तीसरे और चौथे फोरमैटिव असेसमेंट में इन छात्रों को शामिल नहीं किया जाएगा और उनके आकलन और परीक्षा कार्यक्रम के बारे में बाद में सूचित किया जाएगा.
    
फोरमैटिव असेसमेंट के जरिए शिक्षक छात्रों की प्रगति पर नियमित नजर रखते हैं और उसका आकलन करते हैं.



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