मेडिकल कालेजों में भी दी जाएगी योग शिक्षा
अंग्रेजी डाक्टरों की सलाह पर अब मेडिकल कालेजों में योग की पढ़ाई होगी. इसके लिए कुछ राष्ट्रीय योग संस्थानों से बातचीत चल रही है.
स्वास्थ्य के लाभदायक है योगा (फाइल फोटो) |
पहले कुछ मेडिकल कालेजों के टीचरों ने इसका विरोध किया था मगर जब अंग्रेजी के प्रैक्टिसिंग डाक्टरों ने योग को जरूरी बताया तो स्वास्थ्य मंत्रालय के आयुष विभाग ने मेडिकल कालेजों के स्नातक छात्रों के लिए एक पाठयक्रम तैयार करना शुरू किया. इसमें मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान सहित कई संस्थानों से अलग-अलग राय मांगी गई है.
प्रैक्टिसिंग डाक्टरों का तर्क है कि तनावपूर्ण और भागदौड़ वाली जीवन शैली के चलते यदि कोई व्यक्ति बीमार पड़ता है तो उस पर दवाओं का असर तो होता है मगर वह दूसरे प्रभावों की चपेट में आकर पूर्ण स्वस्थता की अनुभूति नहीं करता है.
इस तरह के तमाम मरीजों ने अंग्रेजी दवाओं का सेवन करने के साथ जब अपनी समस्या किसी योग गुरु को बताई तो उन्हें कुछ खास किस्म के आसनों का अभ्यास कराया गया. योग की शरण में आने के बाद मरीजों को न केवल स्वास्थ्य लाभ हुआ बल्कि उनकी जीवनशैली में भी सुधार हो गया.
इन मरीजों की रिपोर्ट के बाद ही प्रैक्टिसिंग डाक्टरों ने योग की आवश्यकता पर जोर दिया था. आयुष विभाग ने देश के अलग-अलग हिस्सों में योग से हो रहे लाभ के बारे में भी मंत्रालय को बताया है.
आयुष विभाग के अनुसार, योग संस्थानों से योग पाठ्यक्रम मिलने के बाद मेडिकल कालेजों से बात की जाएगी उसके बाद आम सहमति के बाद उसे लागू कर दिया जाएगा. जिसमें विभिन्न संस्थानों के योग विशेषज्ञ मेडिकल कालेजों में छात्रों को योग और उसके लाभ के बारे में बताएंगे.
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