कोयला क्षेत्र के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की घोषणा

Last Updated 16 May 2020 04:36:30 PM IST

कोरोना संकट से मुश्किल में आई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए भारत सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज इस पैकेज के चौथी किस्त की जानकारी दी।


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

निर्मला सीतारमण ने बताया हम आज जिन 8 क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने जा रहे हैं वे हैं- कोयला, खनिज रक्षा उत्पादन, हवाई क्षेत्र प्रबंधन, MROs,बिजली वितरण कंपनियां, अंतरिक्ष क्षेत्र और परमाणु ऊर्जा।

वित्त मंत्री ने बताया कई क्षेत्रों में नीतियों को सरल बनाने की आवश्यकता है, जिससे लोगों को यह समझना सरल हो कि इस क्षेत्र से क्या मिल सकता है, लोगों की भागेदारी बढ़े और पारदर्शिता आ सके। हम ऐसा करके किसी क्षेत्र के विकास और नौकरियों को बढ़ावा दे सकते हैं।

आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त जारी करते हुए कोयला क्षेत्र के लिए 50 हजार करोड़ रुपये के फंड का एलान किया। सीतारमण ने कहा, "कोयला क्षेत्र से सरकार का एकाधिकार खत्म होगा। कोयला उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भर कैसे बनें और कैसे कम से कम आयात करना पड़े, इस पर काम करना है। ज्यादा से ज्यादा खनन हो सके और देश के उद्योगों को बल मिले। 50 ऐसे नए ब्लॉक नीलामी के लिए उपलब्ध होंगे। पात्रता की बड़ी शर्तें नहीं रहेंगी। कोल इंडिया लिमिटेड की खदानें भी निजी क्षेत्र को दी जाएंगी।"

साथ ही एल्यूमिनियम उद्योग की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए बॉक्साइट और कोयला खनिज ब्लॉकों की एक संयुक्त नीलामी प्रक्रिया बनाई जाएगी।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई की सीमा मौजूदा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी करने का एलान किया। उन्होंने कहा कि रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त जारी करते हुए कहा कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड का कॉर्पोरेटाइजेशन होगा।

इस पैकेज में निजी कंपनियों को ग्रहों की खोज, अन्य अंतरिक्ष गतिविधियों में भागीदारी की अनुमति दी जाएगी और सरकार भारतीय अंतरिक्ष में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाएगी। निर्मला ने कहा कि सरकार उपग्रह प्रक्षेपण और अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं में बराबर की भागीदारी का मौका देगी।

केंद्र निजी कंपनियों के लिए एक पूर्वानुमानित नीति और विनियामक माहौल के साथ आएगा।

पावर डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर के लिए टैरिफ पॉलिसी रिफॉर्म को लागू किया जाएगा। डिस्कॉम की अक्षमता का बोझ उपभोक्ता पर नहीं डाला जाएगा। डिस्कॉम के लिए पेनाल्टी को भी लागू किया जाएगा

निजी क्षेत्र को उनकी क्षमता में सुधार करने के लिए इसरो सुविधाओं और अन्य प्रासंगिक संपत्तियों का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने आगे घोषणा की कि निजी क्षेत्र के तकनीकी-उद्यमियों के लिए रिमोट सेसिंग डेटा तक पहुंच के लिए उदार जियोस्पेशल डेटा नीति तैयार की जाएगी।

 

एजेंसी
नई दिल्ली


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