चीन से कारोबार समेट भारत आ रही है लावा, 800 करोड़ रुपये का करेगी निवेश

Last Updated 16 May 2020 03:18:28 PM IST

घरेलू ब्रांड लावा ने शनिवार को अपने पूरे मोबाइल आरएंडडी, निर्यात बाजार के लिए डिजाइन और विनिर्माण को अगले छह महीनों में चीन से भारत में स्थानांतरित करने की घोषणा की।


कंपनी ने यह भी कहा कि भारत में पांच साल के भीतर वह लगभग 800 करोड़ रुपये निवेश करेगी। लावा अपने फोन का 33 प्रतिशत से अधिक निर्यात मैक्सिको, अफ्रीका, दक्षिण पूर्व एशिया और पश्चिम एशिया जैसे बाजारों में करती है।

कंपनी ने अपने मोबाइल फोन डिवेलपमेंट और मैन्युफैक्च रिंग परिचालन को बढ़ाने के लिए इस वर्ष लगभग 80 करोड़ रुपये और अगले पांच साल के दौरान 800 करोड़ रुपये निवेश की योजना बनाई है।

कंपनी ने एक बयान में कहा कि यह कदम भारतीय मोबाइल फोन निर्माताओं द्वारा पिछले महीने सरकार द्वारा घोषित प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (पीएलआई) स्कीम के तहत चीन से अधिक लागत लाभ प्राप्त करने के बाद उठाया गया है।

लावा के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक हरिओम राय ने कहा, "हम बेसब्री से अपने पूरे मोबाइल आरएंडडी को डिजाइन करने और चीन से भारत में विनिर्माण करने के अवसर की प्रतीक्षा कर रहे हैं।"

राय ने कहा, "उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन के साथ, विश्व बाजार के लिए हमारी विनिर्माण अक्षमता काफी हद तक पूरी हो जाएगी, इसलिए हम इसे शिफ्ट करने की योजना बना रहे हैं।"

पीएलआई योजना भारत में निर्मित सामानों की वृद्धिशील बिक्री (सालाना आधार) पर 4 से 6 प्रतिशत तक का प्रोत्साहन देती है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार, यह सेक्टर लगभग 8.5 प्रतिशत से 11 प्रतिशत तक विकलांगता से ग्रस्त है। यहां पर्याप्त बुनियादी ढांचा, घरेलू आपूर्ति श्रृंखला, वित्त की उच्च लागत, गुणवत्ता की शक्ति की अपर्याप्त उपलब्धता, सीमित डिजाइन क्षमताएं और उद्योग द्वारा अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान केंद्रित करना, और कौशल विकास में अपर्याप्तता में कमी इसका मुख्य कारण है।

घरेलू मोबाइल ब्रांड लावा ने पिछले सप्ताह अपने नोएडा कारखाने में 20 प्रतिशत उत्पादन क्षमता के साथ परिचालन फिर से शुरू कर दिया है।

राज्य अधिकारियों से मंजूरी मिलने के बाद, कंपनी ने 3,000 कर्मचारियों में से 600 के साथ अपना उत्पादन शुरू किया।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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