दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादक अरामको के लिए भारत की निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज(आरआईएल) के तेल एवं केमिकल कारोबार में निवेश सौदे को पूरा करने का सबसे लाभकारी समय है।
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कोरोना वायरस महामारी ने तेल क्षेत्र में निवेश को भले ही अनाकर्षक बना दिया है, लेकिन एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादक अरामको के लिए भारत की निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज(आरआईएल) के तेल एवं केमिकल कारोबार में निवेश सौदे को पूरा करने का सबसे लाभकारी समय है। आरआईएल ने पिछले अगस्त में अपने रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल्स कारोबार में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी 15 अरब डॉलर में सऊदी अरामको को बेचने की घोषणा की थी। यह घोषणा कंपनी की बैलेंसशीट को दुरुस्त करने की योजना के हिस्से के रूप में की गई थी।
एचएसबीसी ने इस सौदे पर अपनी इक्विटी रिसर्च रिपोर्ट में कहा है कि इस बात के पर्याप्त कारण दिखाई देते हैं कि आरआईएल में अरामको द्वारा हिस्सेदारी खरीदने से न केवल सऊदी की इस कंपनी को दुनिया की एक सर्वश्रेष्ठ रिफाइनरी और सबसे बड़े एकीकृत पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स में हिस्सेदारी मिलेगी, बल्कि उसे एक सबसे तेजी से विकासित होते बाजार में उसकी 500केबीपीडी (हजार बैरल प्रतिदिन) अरबियिन क्रूड के लिए एक रेडीमेड बाजार भी मिल जाएगा।
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब कोविड-19 महामारी और इसे लेकर जारी लॉकडाउन के कारण इस सौदे के पूरा होने को लेकर संदेह जताया जा रहा है। लेकिन हाल ही में अपनी आय की घोषणा के हिस्से के रूप में आरआईएल ने एक बयान में कहा था कि कंपनी के ओ2सी कारोबार में सऊदी अरामको के नियोजित निवेश पर काम जारी है और यह सौदा पटरी पर है, क्योंकि दोनों पक्ष प्रतिबद्ध और सक्रियता के साथ जुड़े हुए हैं।
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