लॉकडाउन: आरबीआई ने रेपो रेट में की कटौती, गवर्नर ने कहा- देश की बैंकिंग प्रणाली सुरक्षित
कोरोना वायरस के प्रकोप की रोकथाम के लिए छेड़ी गई जंग में आर्थिक मोर्चे पर बड़ा कदम उठाते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को रेपो रेट में 75 आधार अंकों की कटौती की।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास |
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में आर्थिक मोर्चे पर बड़ा एलान करते हुए शुक्रवार को कहा कि देश की बैंकिंग प्रणाली सुरक्षित है और लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।
आरबीआई ने प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कटौती के साथ-साथ नकद आरक्षित अनुपात यानी कैश रिजर्व रेशो में 100 आधार अंकों की कटौती कर इसे तीन फीसदी कर दिया है जोकि 28 मार्च से शुरू होने वाले पखवाड़े से प्रभावी होगी और एक साल तक रहेगी।
शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक द्वारा उठाए गए कदमों से बैंकिंग प्रणाली में 3.74 लाख करोड़ रुपये की तरलता आएगी।
उन्होंने एक और बड़ा एलान करते हुए कहा कि एक मार्च 2020 से कर्ज की किस्तों के भुगतान पर तीन महीने का मोरटॉरियम यानी पाबंदी लगाने का फैसला किया है। मतलब केंद्रीय बैंक ने वाणिज्यिक बैंक ने लोगों को कर्ज की मासिक किस्त यानी ईएमआई में राहत देने को कहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को रेपो रेट में 75 आधार अंकों की कटौती की जबकि रिवर्स रेपो रेट में 90 आधार अंकों की कटौती की गई है।
लघु अवधि के लिए वाणिज्यिक बैंकों को दिए जाने वाले कर्ज पर आरबीआई की प्रमुख ब्याज दर अर्थात रेपो रेट को 75 आधार अंक घटाकर 4.40 फीसदी कर दिया गया। साथ ही, बैंकों की जमा पर आरबीआई द्वारा दिए जाने वाले ब्याज की दर यानी रिवर्स रेपो रेट में 90 आधार अंकों की कटौती कर इसे चार फीसदी कर दिया है।
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