विजय माल्या प्रत्यर्पण आदेश के विरुद्ध अपील के लिए रॉयल कोर्ट पहुंचा
शराब कारोबारी विजय माल्या नौ हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किए जाने के आदेश के विरुद्ध अपनी अपील के सिलसिले में मंगलवार को यहां रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस में पेश हुआ और उसके वकीलों ने दावा किया कि मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश में कई त्रुटियां हैं।
माल्या प्रत्यर्पण आदेश के विरुद्ध अपील के लिए रॉयल कोर्ट पहुंचा |
किंगफिशर एअरलाइंस का 64 वर्षीय पूर्व प्रमुख अदालत के द्वार पर संवाददाताओं से बचकर निकल गया और अपने वकील के साथ अंदर चला गया। जब उससे सवाल किया गया तो उसने कहा, मैं यहां बस सुनने के लिए आया हूं। अप्रैल, 2017 में प्रत्यर्पण वारंट को लेकर अपनी गिरफ्तारी के बाद से वह जमानत पर है।
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति स्टीफन इरविन और न्यायमूर्ति एलिजाबेथ लेंग से माल्या की बैरिस्टर ने कहा, दिसम्बर 2018 में मुख्य मजिस्ट्रेट एम्मा अर्बथनॉट द्वारा प्रत्यर्पण के पक्ष में सुनाया गया फैसला त्रुटिपूर्ण है और उन्होंने भारत सरकार द्वारा पेश किये गये कुछ गवाहों के बयानों की स्वीकार्यता पर सवाल भी उठाया।
मुख्य मजिस्ट्रेट अदालत के प्रत्यर्पण आदेश पर पिछले साल फरवरी में ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जाविद ने हस्ताक्षर कर दिए थे।
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