न्यायालय ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रोमोटर को अवमानना का दोषी पाया

Last Updated 15 Nov 2019 12:23:56 PM IST

उच्चतम न्यायालय ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रवर्तकों मलविंदरं सिंह और शिविंदर सिंह को शुक्रवार को न्यायालय की अवमानना का दोषी ठहराया।


इन दोनों ने फोर्टिस हेल्थकेयर में अपने शेयर नहीं बेचने के शीर्ष अदालत के आदेश का उल्लंघन किया है।

शीर्ष अदालत ने इससे पहले सिंह बंधुओं से उनकी योजना के बारे में पूछा था कि वे जापान की औषधि निर्माता कंपनी दायची सैंक्यो को 3,500 करोड़ रुपये का भुगतान कैसे करेंगे।
सिंगापुर के एक न्यायाधिकरण ने सिंह बंधुओं को दाइची सैंक्यो को चार हजार करोड़ रुपये का भुगतान करने का फैसला सुनाया था।

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि रैनबैक्सी के पूर्व प्रवर्तक न्यायालय की अवमानना के दोषी हैं। पीठ ने कहा कि सिंह बंधुओं ने उसके पहले के उस आदेश का उल्लंघन किया है जिसमें उन्हें फोर्टिस समूह के अपने नियंत्रण वाले शेयरों की बिक्री मलेशियाई कंपनी आईएचएच हेल्थकेयर को नहीं करने के लिए कहा गया था।

न्यायालय ने कहा कि वे सजा के सवाल पर सिंह बंधुओं को बाद में सुनेंगे।  जापानी फर्म नें सिंह बंधुओं के खिलाफ न्यायालय की अवमानना याचिका दायर की थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि उनके पक्ष में दिया गया पंचाट का फैसला संकट में पड़ गया है क्योंकिं सिंह बंधुओं ने फोर्टिस समूह में अपने  नियंत्रण वाले अपने शेयर मलेशिया की कंपनी को बेच दिये हैं।    

 

भाषा
नयी दिल्ली


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