अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने साल में चौथी बार बढाई ब्याज दरें, गिरावट के साथ खुला शेयर मार्केट
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने चालू वर्ष में चौथी बार लघु अवधि की ब्याज दरों में बढोत्तरी की है और ऐसा उसने तब किया है जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बैंक के इस बारे में विचार तक करने को लेकर बराबर टिप्पणी करते रहे हैं।
फेडरल रिजर्व ने साल में चौथी बार बढाई ब्याज दरें (फाइल फोटो) |
फेडरल रिजर्व बैंक के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के अनुसार दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था इस साल मजबूती से आगे बढती रहेगी और यह करीब-करीब उम्मीदों के अनुरूप होगा।
पॉवेल ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘आज हम हमारे लघु अवधि के ब्याज दर लक्ष्य को चौथाई प्रतिशत और बढा रहे हैं।’’ उन्होंने बुधवार को कहा कि आज की बढोत्तरी के बाद संघीय कोष के लिए ब्याज दर 2.25 प्रतिशत की बजाय 2.5 प्रतिशत होगी। यह समिति की ब्याज दायरे के बारे में सिफारिश का सबसे निचला स्तर है।
ब्याज दर में चौथाई प्रतिशत वृद्धि का मतलब यह है कि कई ग्राहकों और कारोबारियों को ऊंची लागत पर ऋण मिलेगा। राष्ट्रपति ट्रंप की चेतावनी के बावजूद केंद्रीय बैंक का ब्याज दर बढोत्तरी का निर्णय उन्हें क्रोधित कर सकता है। केंद्रीय बैंक की घोषणा के बाद वाल स्ट्रीट पर तीव्र गिरावट देखी गई।
ट्रंप ने मंगलवार को एक ट्वीट में इसे फेडरल रिजर्व बैंक की एक और गलती बताया था।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर बढाने के बाद गिरकर खुले शेयर बाजार
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्यार दरों में बढोतरी के बाद कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच गुरूवार को शेयर बाजारों की शुरुआत धीमी रही। सेंसेक्स 250 अंक से ज्यादा गिरकर चल रहा है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने इस साल लगातार चौथी बार नीतिगत ब्याज दरों में बढोत्तरी की है। साथ ही अगले साल भले ही धीमी रफ्तार से लेकिन और बढोत्तरी के संकेत दिए हैं।
बंबई शेयर बाजार का 30 कंपनियों के शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 166.63 अंक यानी 0.46 प्रतिशत घटकर 36,317.70 अंक पर चल रहा है। बुधवार को यह 137.25 अंक चढकर 36,484.33 अंक पर बंद हुआ था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 56.70 अंक 0.52 प्रतिशत गिरकर 10,910.60 अंक पर चल रहा है।
ब्रोकरों के अनुसार अमेरिका में ब्याज दर बढने के बाद एशियाई और अमेरिकी बाजारों में गिरावट देखी गई जिसका असर घरेलू बाजार पर भी दिखा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, फेडरल रिजर्व के ब्याज दर बढाने की आलोचना करत रहे हैं। उनका कहना है कि यह अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाला कदम है।
हालांकि फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल ने ब्याज दर बढोत्तरी की घोषणा के बाद कहा कि ट्रंप के ट्वीट और बयान का केंद्रीय बैंक के नीति निर्माण से कोई लेना-देना नहीं है।
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