जेटली ने पूर्व संप्रग शासन के जीडीपी आंकड़ों में संशोधन का किया बचाव, कहा सीएसओ भरोसेमंद संगठन

Last Updated 29 Nov 2018 03:30:19 PM IST

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने पूर्व संप्रग शासन के दौरान जीडीपी वृद्धि दर में संशोधन का बचाव करते हुए गुरूवार को कहा कि केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) एक विश्वसनीय संस्थान है और वित्त मंत्रालय से अलग स्वतंत्र रूप से काम करता है।


वित्त मंत्री अरूण जेटली (फाइल फोटो)

सीएसओ ने कल संशोधित आंकड़ा जारी किया।    

मुख्य सांख्यिकीविद् प्रवीण श्रीवास्तव ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार के साथ बुधवार को सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़ों को 2004-05 के आधार वर्ष के बजाए 2011-12 के आधार वर्ष के हिसाब से संशोधित किया।      

जेटली ने कहा कि सीएसओ एक भरोसेमंद संस्थान है जिसकी आलोचना कहीं से भी ठीक नहीं है।    

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को जीडीपी के आंकड़ों में संशोधन को ‘बेहुदा मजाक’ करार दिया था। उन्होंने ट्विटर पर लिखा था, ‘‘नीति आयोग का संशोधित जीडीपी आंकड़ा मजाक है। यह बेहुदा मजाक है..।’’    

जेटली ने कहा कि जब सीएसओ ने 2012-13 और 2013-14 के लिये वृद्धि दर का आंकड़ा संशोधित किया था तब उनकी सरकार ने इस फैसले का स्वागत किया था। उन्होंने कहा कि सीएसओ ने वृद्धि दर के आंकड़े में संशोधन को लेकर उसी मानदंड को अपनाया है।    

 

सीएसओ ने बुधवार को पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दस साल के कार्यकाल के अधिकतर वर्ष के सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी में वृद्धि दर के आंकड़ों को घटा दिया। इससे संप्रग सरकार के कार्यकाल के उस एकमात्र वर्ष के आंकड़ों में भी एक प्रतिशत से अधिक कमी आई है जब देश ने दहाई अंक में वृद्धि दर्ज की थी। इसके अलावा 9 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर वाले तीन वित्त वर्ष के आंकड़ों में भी एक प्रतिशत की कमी आई है।       

इसमें आंकड़ों को 2004- 05 के आधार वर्ष के बजाय 2011- 12 के आधार वर्ष के हिसाब से संशोधित किया गया है, ताकि अर्थव्यवस्था की अधिक वास्तविक तस्वीर सामने आ सके। सीएसओ के संशोधित आंकड़ों के अनुसार 2010-11 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 8.5 प्रतिशत रही थी जबकि इसके पहले 10.3 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया गया था। 

आजादी के बाद देश की अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के सबसे बड़े सुधार के तौर पर देखे जा रहे जीएसटी को पिछले साल एक जुलाई से लागू किया गया। इस मामले में राज्यों और केंद्र के बीच सहमति बनाने के लिए जीएसटी परिषद गठित की गई जिसके अध्यक्ष केंद्रीय वित्त मंत्री हैं। इसमें सभी राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं।     

जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद में हमने 31 बैठकें की और कई निर्णय किए, सभी निर्णय आम सहमति से हुए। इसलिए एक साझा कर व्यवस्था बन पायी। यह संघीय ढांचे की खूबसूरती है कि केंद्र और राज्यों के करों को मिलाकर यह साझा व्यवस्था बन पायी। यह संघीय ढांचा खड़ा करने का भारत का पहला प्रयोग रहा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एक ऐसा क्षेत्र है जहां किसी संघीय व्यवस्था के लिए सबसे कम प्रतिरोध होगा क्योंकि हम एक ऐसे कल्याणकारी लक्षित कार्यक्रम को विकसित कर पाएंगे जो देश को निश्चित तौर पर स्वस्थ बनाए रखने में मदद करेगा।     

‘आयुष्मान भारत’ योजना के क्रियान्वयन को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि जब इस योजना का खाका खींचा गया तो इस बात पर बहस हुई कि निजी अस्पताल कैसे मरीजों का इलाज कर सकते हैं। अस्पतालों में मरीजों की भीड़ से कैसे निपटा जाएगा।     

इस योजना केा सितंबर में लागू किया गया। जहां प्रत्येक परिवार को वार्षिक आधार पर पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मुफ्त मिलता है। पिछले डेढ महीने में इस योजना से करीब तीन लाख गरीब लोग फायदा उठा चुके हैं।    

 

भाषा
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment