कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से और मजबूत होगी इकोनॉमी

Last Updated 28 Nov 2018 04:21:51 AM IST

आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से इसे और मजबूती मिलेगी।


कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से और मजबूत होगी इकोनॉमी

मंगलवार को संसद की स्थायी समिति के समक्ष पेश हुए पटेल ने नोटबंदी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के डूबे हुए कर्ज (एनपीए) की स्थिति के बारे में जानकारी दी।
सूत्रों के अनुसार पटेल ने समिति को वचन दिया कि वह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से संबंधित कुछ विवादास्पद मुद्दों पर अपनी बात लिखित रूप में प्रस्तुत करेंगे। समिति ने गवर्नर से 10 से 15 दिनों में लिखित जवाब देने को कहा है। इन मुद्दों में सरकार की ओर से रिजर्व बैंक की उस धारा का प्रयोग करने का भी मुद्दा है जिसका उल्लेख इससे पहले किसी सरकार ने नहीं किया था। संबंधित धारा के तहत सरकार रिजर्व बैंक को निर्देश दे सकती है। सूत्र बताते हैं कि पटेल ने स्पष्ट किया कि सरकार की ओर से आरबीआई की स्वायत्तता को लेकर किसी भी तरह का कोई दबाव नहीं है। केंद्रीय बैंक और सरकार के बीच कुछ मुद्दों पर जो मतबेद हैं उन्हें बातचीत के जरिया सुलझाया जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार पटेल ने समिति के समक्ष अर्थव्यवस्था की स्थिति के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था पर अपनी बातें रखी। कई सदस्यों ने इस पर सवाल पूछे। अर्थव्यवस्था को लेकर उनके विचार सकारात्मक थे। नोटबंदी के फैसले पर मोदी सरकार का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि नवम्बर 2016 में नोटबंदी का अर्थव्यवस्था पर अस्थायी प्रभाव पड़ा। कर्ज में वृद्धि 15 फीसद है। अर्थव्यवस्था की बुनियाद सुदृढ़ है और तेल के दाम चार साल के उच्च स्तर से नीचे आने से और मजबूती मिलेगी।

रिजर्व बैंक की स्वायत्तता को कोई खतरा नहीं
बाजार नियामक सेबी के पूर्व चेयरमैन एम दामोदरन ने मंगलवार को कहा कि आरबीआई आने वाले समय में भी एक मजबूत संस्थान बना रहेगा। सरकार के साथ हालिया खींचतान से रिजर्व बैंक की स्वायत्तता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक को कामकाज की स्वायत्तता प्राप्त है और हाल में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है जिससे उसकी स्वायत्तता के समक्ष जोखिम उपस्थित हुआ हो। दामोदरन ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘रिजर्व बैंक और सरकार के बीच कई मौकों पर मतभेद रहे हैं लेकिन रिजर्व बैंक पर इसका प्रभाव नहीं पड़ा है। मुझे लगता है कि अभी भी यह कहना कि रिजर्व बैंक की स्वायत्तता कम हो रही है, गलत है।’ उन्होंने कहा कि इससे पहले रिजर्व बैंक और सरकार के बीच मतभेदों को गवर्नर और वित्त मंत्री की निजी बैठकों में सुलटा लिया जाता था जिससे बाहर के लोगों को इसकी जानकारी नहीं हुई।

सहारा न्यूज ब्यूरो/भाषा
नई दिल्ली/मुंबई


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