अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया ने की घोषणा, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ाएंगे निवेश
अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया हिंद-प्रशांत क्षेत्र के विकासशील देशों में अवसंरचना में निवेश बढ़ाएंगे, ताकि क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला किया जा सके।
अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया ने की घोषणा, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ाएंगे निवेश |
इन देशों ने शनिवार को संयुक्त रूप से यह घोषणा की है। इन देशों के फैसले से भारत को फायदा होने की उम्मीद है।
समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, इन देशों ने एक बयान में कहा है, ‘त्रिपक्षीय भागीदारी पापुआ न्यू गिनी समेत हिंदी-प्रशांत क्षेत्रों की सरकारों से चर्चा कर संभावित विकास और वित्तपोषण के लिए अवसंरचना परियोजनाओं की पहचान करेंगे।’ अमेरिकी उप राष्ट्रपति माइक पेंस, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्काट मारिशन, पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोर्सबाई में एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) के शिखर सम्मेलन में शामिल हुए।
सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी शामिल हुए। तीनों देश क्षेत्र में अवसंरचना परियोजनाओं के क्रियान्वयन में निजी क्षेत्र की भागीदारी चाहते हैं, जबकि चीन ने पिछले कुछ सालों में इस क्षेत्र में बहुत भारी निवेश किया है। बयान में कहा गया है, ‘इस पहल से क्षेत्र की वास्तविक जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी, जबकि क्षेत्र के देशों को असुरक्षित कर्ज से बचने में मदद मिलेगी।’
व्यापार युद्ध में कोई नहीं जीतेगा : शी जिनपिंग
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शनिवार को कहा कि जिन देशों ने संरक्षणवाद का दामन थामा है, उनके हाथ असफलता ही लगी है। शी ने चेताते हुए कहा कि अमेरिका और चीन के बीच इस व्यापार युद्ध में किसी की जीत नहीं होगी।
शी ने पापुआ न्यू गिनी में एशिया प्रशांत सहयोग फोरम (एपेक) सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा, ‘इतिहास गवाह है कि टकराव, फिर चाहे वह कोल्ड वार, आक्रामक (हॉट) युद्ध या व्यापार युद्ध के रूप में हो, इसमें किसी की जीत नहीं हुई है।’ शी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक सुशासन के लिए दुनिया को साझा नियमों की जरूरत है, जो स्वार्थी एजेंडे से परे हों। उन्होंने कहा कि सिर्फ खुलेपन और सहयोग से ही अधिक अवसर हो सकते हैं और विकास के लिए अधिक गुजाइंश बन सकती है। शी ने कहा, ‘असहमतियों को एक-दूसरे पर प्रतिबंध लगाने के बजाए चर्चा और सलाह मशवरे से सुलझाए जाने की जरूरत है।’ाष्ट्रपति रामनाथ को¨वद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई जानी मानी हस्तियों ने उनके निधन पर शोक जताया है।
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