दिल्ली के प्रगति मैदान में जीएसटी मंडप बढा रहा लोगों में जागरूकता
प्रगति मैदान में चल रहे भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2018 में देश को एक बाजार- एक कर के सूत्र में पिरोने वाले माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के बारे में जरूरी सलाह और जानकारी भी दी जा रही है।
GST मंडप बढा रहा लोगों में जागरूकता (फाइल फोटो) |
प्रगति मैदान में 14 नवंबर से शुरू हुये 38वें आईआईटीएफ में केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने हाल नंबर आठ में अपना मंडप लगाया है। इस मंडप में विशेषतौर से जीएसटी के बारे में आम लोगों और उद्यमियों के सवालों का जवाब दिया जा रहा है साथ ही उनकी समस्याओं का निदान भी सुझाया जा रहा है।
मंडप के प्रभारी एस.के. सिन्हा और उनके साथी विवेक ने बताया, ‘‘मंडप का मकसद लोगों में जीएसटी के बारे में जागरूकता बढाना है। जीएसटी में जो भी बदलाव आये हैं उनके बारे में जानकारी देना है।
ग्रामीण उद्योगों को जीएसटी से जोड़ने के बारे में बताया जा रहा है। हम लोगों को जीएसटी पंजीकरण के बारे में भी बता रहे हैं। उन्हें बता रहे हैं कि किसी भी उत्पाद पर अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) के ऊपर जीएसटी नहीं देना है, उसमें जीएसटी शामिल है, हम बता रहे हैं कि सामान खरीदने के बाद उसका बिल अवश्य लेना चाहिये।’’
देश में जीएसटी एक जुलाई 2017 से लागू किया गया है।
अक्टूबर में जीएसटी के तहत एक लाख करोड़ रुपये से अधिक राजस्व जुटाया गया। जब से जीएसटी लागू हुआ यह दूसरा मौका रहा जब जीएसटी संग्रह एक लाख रुपये से अधिक हुआ। 20 लाख रुपये तक का सालाना कारोबार करने वाले उद्यमियों को जीएसटी से मुक्त रखा गया है।
20 लाख से एक करोड़ रुपये तक कारोबार करने वालों को कंपोजीशन योजना में रखा गया है जिन्हें मामूली दर पर एकमुश्त कर देना होता है। इस सीमा को डेढ करोड़ रुपये तक करने पर सहमति बनी है।
सिन्हा ने बताया कि कई विदेशी उद्यमी भी जीएसटी के बारे में अपनी समस्या को लेकर यहां पहुंच रहे हैं। ‘‘हमारे विशेषज्ञ उन्हें जीएसटी साइट पर ही उनकी समस्या का निदान कर रहे हैं। यदि कोई जीएसटी पंजीकरण कराना चाहता है तो उसे भी जरूरी सलाह दी जा रही है।’’
आम जनता को लुभाने के लिये मंडप में जीएसटी पर सवाल-जवाब प्रतियोगिता भी आयोजित की जा रही है जिसमें दो प्रतियोगी कंप्यूटर पर पूछे गये सवाल का जवाब देते हैं और सामने लगी बड़ी स्क्रिन पर उनका स्कोर दिखाया जाता है। इसके साथ ही नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन किया जा रहा है।
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