आम्रपाली समूह की संपत्तियां कुर्क होंगी : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के ग्रेटर नोएडा स्थित अस्पताल सहित अन्य सम्पत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट |
आम्रपाली के निदेशकों द्वारा कम्पनी की प्रॉपर्टी और निजी सम्पत्तियों का ब्यौरा न देने और फोरेंसिक ऑडिटर्स की रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह सख्त कदम उठाया।
सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि निदेशक यह बताएं कि अवमानना मामले में क्यों न उनको सजा दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फॉरेंसिक ऑडिटर्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आम्रपाली ग्रुप का ग्रेटर नोएडा में अस्पताल है। ग्रुप की ऐसी प्रॉपर्टी को बेचा जाना चाहिए ताकि पैसे मिल सकें।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो तथ्य सामने आए हैं उससे साफ होता है कि आम्रपाली ग्रुप ने न तो ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को पैसे दिए और न ही खरीदारों के पैसे से फ्लैट तैयार किए गए बल्कि पैसे से नई-नई कंपनियां खोली गई और पैसे उन कंपनियोें नाम पर डायवर्ट किया गया। ऐसे में आम्रपाली ग्रुप कंपनी की ऐसी सभी संपत्तियों को बेचा जाए।
जस्टिस अरुण मिश्रा और उदय उमेश ललित की बेंच ने कहा पहली नजर में साफ नजर आता है कि बेहद गंभीर किस्म का फाड्र हुआ है। आम्रपाली ग्रुप के पैसे से नई-नई कंपनियों को खोला गया और रकम डायवर्ट की गई। इसमें निदेशकों के साथ चीफ फाइनांशियल ऑडिटर्स और कंपनी के कई अफसर भी शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि आम्रपाली ग्रुप के ग्रेटर नोएडा स्थित अस्पताल, गोवा स्थित विला, नोएडा स्थित उसके टावर जिसमें ऑफिस है और जिस कंपनी गौरी सुता में आम्रपाली का पैसा डायवर्ट हुआ है उसकी प्रॉपर्टी और अकाउंट को अटैच किया जाए।
अदालत ने कहा है कि गोवा स्थित विला को अटैच करने के बाद उसे बेचा जाए। आम्रपाली ग्रुप कंपनी और उसके निदेशकों ने डमी कंपनी बनाई ताकि फंड डायवर्ट किया जा सके। आम्रपाली ने कच्चे माल के लिए भी कंपनी बनाकर उसे फंड दिए हैं। उसे तमाम बाउचर और बिल पेश किया जाए।
अदालत ने आम्रपाली के प्रबंध निदेशक अनिल शर्मा और अन्य दो निदेशकों प्रॉपर्टी का ब्यौरा एक बार मांगा है। उनके पास कितना धन है, यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी। अदालत ने अनिल शर्मा के वकील से कहा है कि वह अपने मुवक्किल से पता कर बताएं कि उनके पास कितना फंड है वह बताएं। तीनों निदेशक पुलिस की निगरानी में नोएडा के होटल में ही रहेंगे।
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