सौ साल का हुआ एक रूपये का नोट, जानें क्या है इतिहास...

Last Updated 30 Nov 2017 10:00:14 AM IST

एक रुपया के नोट को आज छपे 100 साल पूरे हो गए हैं. ठीक सौ साल पहले 30 नवंबर, 1917 को ब्रिटिश काल में जारी हुए पहले एक रुपये के नोट की आज 100वीं वर्षगांठ है.


एक रुपये के नोट की आज 100वीं वर्षगांठ

शादियों का मौसम चल रहा है तो एक रूपये के नोट से जुड़े किस्से हम सभी को याद होंगे. शगुन देने के लिए अब तो एक रूपये का सिक्का लगे लिफाफे आने लगे हैं लेकिन एक दौर ऐसा था कि परिवार के सदस्य एक रूपये के नोट को ढूंढते फिरा करते थे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही एक रूपये का नोट करीब 100 साल का हो चुका है और इसकी शुरूआत का इतिहास भी बड़ा दिलचस्प है.
     
हुआ यूं कि दौर था पहले वियुद्ध का और देश में हुकूमत थी अंग्रेजों की. उस दौरान एक रूपये का सिक्का चला करता था जो चांदी का हुआ करता था लेकिन युद्ध के चलते सरकार चांदी का सिक्का ढालने में असमर्थ हो गई और इस प्रकार 1917 में पहली बार एक रूपये का नोट लोगों के सामने आया. इसने उस चांदी के सिक्के का स्थान लिया.
     
ठीक सौ साल पहले 30 नवंबर 1917 को ही यह एक रूपये का नोट सामने आया जिस पर ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम की तस्वीर छपी थी.
     
भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट के अनुसार इस नोट की छपाई को पहली बार 1926 में बंद किया गया क्योंकि इसकी लागत अधिक थी. इसके बाद इसे 1940 में फिर से छापना शुरू कर दिया गया जो 1994 तक अनवरत जारी रहा. बाद में इस नोट की छपाई 2015 में फिर शुरू की गई.


     
इस नोट की सबसे खास बात यह है कि इसे अन्य भारतीय नोटों की तरह भारतीय रिजर्व बैंक जारी नहीं करता बल्कि स्वयं भारत सरकार ही इसकी छपाई करती है. इस पर रिजर्व बैंक के गवर्नर का हस्ताक्षर नहीं होता बल्कि देश के वित्त सचिव का दस्तखत होता है.
    
इतना ही नहीं कानूनी आधार पर यह एक मात्र वास्तविक मुद्रा नोट (करेंसी नोट) है बाकी सब नोट धारीय नोट (प्रॉमिसरी नोट) होते हैं जिस पर धारक को उतनी राशि अदा करने का वचन दिया गया होता है.
     
दादर के एक प्रमुख सिक्का संग्राहक गिरीश वीरा ने कहा, पहले विश्वयुद्ध के दौरान चांदी की कीमतें बहुत बढ़ गई थी. इसलिए जो पहला नोट छापा गया उस पर एक रूपये के उसी पुराने सिक्के की तस्वीर छपी. तब से यह परंपरा बन गई कि एक रूपये के नोट पर एक रूपये के सिक्के की तस्वीर भी छपी होती है. 
     
शायद यही कारण है कि कानूनी भाषा में इस रूपये को उस समय सिक्का भी कहा जाता था.
     
पहले एक रूपये के नोट पर ब्रिटिश सरकार के तीन वित्त सचिवों के हस्ताक्षर थे. ये नाम एमएमएस गुब्बे, एसी मैकवाटर्स और एच डेनिंग थे. आजादी से अब तक 18 वित्त सचिवों के हस्ताक्षर वाले एक रूपये के नोट जारी किए गए हैं.
    
वीरा के मुताबिक एक रूपये के नोट की छपाई दो बार रोकी गई और इसके डिजाइन में भी कम से कम तीन बार आमूल-चूल बदलाव हुए लेकिन संग्राहकों के लिए यह अभी भी अमूल्य है.
 

 

भाषा


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