थोक मुद्रास्फीति छह माह के उच्चस्तर 3.59 प्रतिशत पर, सब्जियां हुई महंगी

Last Updated 14 Nov 2017 02:39:46 PM IST

पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के साथ प्याज, सब्जियों, दूध, फलों और चीनी की कीमतों में तेज बढ़ोतरी के कारण अक्टूबर में थोक महँगाई की दर बढ़कर छह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयी.


सब्जियां हुई महंगी (फाइल फोटो)

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा आज जारी आँकड़ों के अनुसार, इस साल अक्टूबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दर 3.59 प्रतिशत दर्ज की गयी.

पिछले साल अक्टूबर में यह 1.27 प्रतिशत और इस साल सितंबर में 2.60 प्रतिशत रही थी. यह इस साल अप्रैल के बाद थोक महँगाई का उच्चतम स्तर है. अप्रैल में थोक महँगाई दर 3.85 प्रतिशत रही थी.

चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीने में अप्रैल से अक्टूबर के बीच थोक महँगाई की औसत दर 2.03 प्रतिशत रही है. पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 3.53 प्रतिशत रही थी.

आँकड़ों के अनुसार, पिछले साल अक्टूबर की तुलना में इस साल अक्टूबर में प्याज के दाम 127.04 प्रतिशत बढ़े. सब्जियों की महँगाई दर 36.61 प्रतिशत, अंडे, माँस तथा मछलियों की 5.76 प्रतिशत, चीनी की 5.08 प्रतिशत, फलों की 3.96 प्रतिशत और दूध की 3.86 प्रतिशत रही.

अक्टूबर में धान 3.10 प्रतिशत महंगा हुआ. वहीं, अन्य खाद्य पदार्थ में एक साल पहले की तुलना में आलू 44.29 प्रतिशत, दालों 31.05 प्रतिशत, गेहूँ 1.99 प्रतिशत और मोटे अनाज 0.07 प्रतिशत सस्ते हुये हैं. खाद्य पदाथरें की औसत महँगाई दर 4.30 प्रतिशत दर्ज की गयी.


  
ईंधन वर्ग की थोक महँगाई दर 10.52 प्रतिशत रही. इस वर्ग में रसोई गैस 26.53 फीसदी, डीजल 15.43 फीसदी और पेट्रोल 12.87 फीसदी महँगा हुआ है.
   
विनिर्मित वस्तुओं की औसत महँगाई दर 2.62 प्रतिशत रही. बेसिक धातुओं के दाम 10.66 प्रतिशत, कागज तथा इससे बने उत्पादों के 5.93 प्रतिशत, तंबाकू उत्पादों के 5.90 प्रतिशत और परिधानों के दाम 4.58 प्रतिशत बढ़े हैं.
    
इससे पहले सोमवार को जारी आँकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में खुदरा महँगाई दर भी बढ़कर छह महीने के उच्चतम स्तर 3.58 प्रतिशत पर पहुँच गयी. महँगाई दर बढ़ने और दिसंबर में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना को देखते हुये दिसंबर में रिजर्व बैंक के नीतिगत दरों में कटौती गुंजाइश कम हो गयी है.

 

वार्ता


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