जीएसटी : 28 फीसद के दायरे में बहुत कम व बेहद लग्जरी आइटम ही रहेंगे
जीएसटी में अभी भले ही पांच से ज्यादा स्लैब हैं, लेकिन आने वाले समय में शून्य को छोड़कर दो ही दरें रखने की तरफ सरकार बढ़ रही है.
जीएसटी : 12,18 फीसद की तरफ बढ़ रही सरकार |
इसकी झलक 9 व 10 नवम्बर को गुवाहाटी में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में देखने को मिलेगी.
इस बैठक में मुख्यत: 28 प्रतिशत की दर में आने वाले वस्तुओं की संख्या कम करने की पहल कर दी जाएगी.
जीएसटी में अभी शून्य, 0.25, 3, 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के स्लैब हैं. जीएसटी लागू किए अभी पांच माह पूरे हुए हैं और इसकी समीक्षा की जा रही है.
पिछले माह जीएसटी कौंसिल ने 27 वस्तुओं की दरों में फेरबदल कर दिया था और अब मांग की जा रही है कि और भी वस्तुओं की दरों को कम दरों वाले स्लैब रखा जाए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक जनसभा में संकेत दिया था कि आम लोगों से जुड़े वस्तुओं की दरों में फेरबदल किया जाएगा.
सूत्रों का कहना है कि सरकार का मकसद जीएसटी की दरें शून्य, 12 और 18 प्रतिशत रखना है और 28 प्रतिशत की दर केवल बेहद लग्जरी वाली वस्तुओं पर लगया जाएगा. 5 प्रतिशत दर वाली वस्तुओं को 12 और 28 प्रतिशत वाली वस्तुओं को 18 प्रतिशत की दर पर लाया जाएगा.
सूत्रों का कहना है कि यदि पहले दिन से पांच प्रतिशत के स्लैब में आने वाली वस्तुओं को 12 प्रतिशत पर रख दिया जाता तो महंगाई बढ़ जाती और समाज में अफरा-तफरी का माहौल होता. इसलिए आने वाले समय में 5 प्रतिशत की दर को 12 प्रतिशत ले जाने की कोशिश होगी.
इससे कुछ महंगाई बढ़ेगी और 28 प्रतिशत की दर में आने वाली वस्तुओं को 18 पर लाने से कुछ वस्तुओं की कीमत में कमी आएगी, इससे संतुलन बना रहेगा. लेकिन, इस प्रक्रिया में अभी समय लगेगा. अभी सरकार जीएसटी लागू करने से होने वाले अनुभव को अध्ययन कर रही है.
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