आम्रपाली के निदेशकों के देश छोड़ने पर रोक
सुप्रीम कोर्ट ने रियल इस्टेट कारोबारी आम्रपाली समूह के निदेशकों को उसकी अनुमति के बगैर विदेश जाने से रोक दिया.
सुप्रीम कोर्ट |
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय पीठ ने शुक्रवार को आम्रपाली सिलिकन सिटी वैली फ्लैट ओनर्स वेलफेयर सोसायटी की याचिका पर कंपनी को नोटिस जारी किया है.
कंपनी को दो सप्ताह के भीतर नोटिस का जवाब देना है.
न्यायालय ने इसके साथ ही वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफड़े को फ्लैट खरीदारों के मामले में मदद के लिए न्याय मित्र नियुक्त किया है.
आम्रपाली सेन्चुरियन पार्क प्रालि की ग्रेटर नोएडा में तीन अन्य परियोजनाओं में मकान खरीदने वाले 100 ऐसे ही निवेशकों की एक अन्य याचिका पर न्यायालय ने छह अक्टूबर को केंद्र और आम्रपाली समूह को नोटिस जारी किए थे.
याचिका में आम्रपाली सिलिकन सिटी प्रालि को दिवालिया घोषित करने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में शुरू की गई कार्यवाही को निरस्त करने का अनुरोध किया है.
दिवालियापन कानून के तहत रियल इस्टेट कंपनी को दिवालिया घोषित करने की कार्यवाही शुरू होने के बाद मकान खरीदारों के पक्ष में उपभोक्ता अदालतें और धन की वसूली से संबंधित दीवानी अदालतों की डिक्री पर अमल नहीं हो सकता है.
खरीदार चाहते हैं कि उन्हें भी बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के समकक्ष माना जाए या फिर दिवालिया घोषित करने संबंधी संहिता के प्रावधानों को समता और जीने के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करने वाला करार देते हुए असंवैधानिक घोषित किया जाए.
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