बेरोजगारी-मंदी से निपटने को 10 क्षेत्रों में सुधार की दरकार
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने बुधवार को अपनी पहली बैठक में देश में आर्थिक मंदी और बेरोजगारी की बात स्वीकार की और कहा कि इन्हें दूर करने के लिए त्वरित निर्णय लेने होंगे.
नई दिल्ली : आर्थिक सलाहकार परिषद की पहली बैठक में परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय, परिषद के सचिव रतन बाटल, परिषद के सदस्य सुरजीत भल्ली, रदिम रॉय और आशिमा गोयल. |
परिषद ने 10 क्षेत्र चुने हैं, जिनमें त्वरित सुधार की जरूरत है. उसका मानना है कि इन क्षेत्रों में सुधार से न केवल आर्थिक वृद्धि होगी, बल्कि रोजगार भी बढ़ेंगे. परिषद इस बाबत अब रिजर्व बैंक, मंत्रालयों और उद्योगों से सलाह मशविरा करेगी.
परिषद ने स्पष्ट किया कि मौजूदा हालात में सरकार के पास रोजगार को लेकर विसनीय आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं. 2018 में एनएसएसओ की रिपोर्ट आने के बाद ही रोजगार की असल संख्या का पता चल सकेगा.
नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबराय की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मौजूदा आर्थिक, राजकोषीय और मौद्रिक नीति की स्थिति का जायजा लिया गया और उन प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की गई.
जिन पर परिषद का विशेष जोर रहेगा. बैठक के बाद देबराय ने कहा, परिषद ने 10 मुद्दों पर चर्चा की है और आने वाले महीनों में परिषद के सदस्य संबंधित मंत्रालयों, राज्यों, विशेषज्ञों, संस्थानों, निजी क्षेत्र और अन्य संबंधित पक्षों के साथ विचार विमर्श कर रिपोर्ट तैयार करेंगे. सुधार के लिए जिन क्षेत्रों की पहचान की गई है.
उनमें आर्थिक वृद्धि, रोजगार और रोजगार सृजन, असंगठित क्षेत्र तथा उसका समन्वय, राजकोषीय स्थिति, मौद्रिक नीति, सार्वजनिक व्यय, आर्थिक क्षेत्र में काम करने वाले संस्थान, कृषि एवं पशुपालन, उपभोग की प्रवृत्ति, उत्पादन और सामाजिक क्षेत्र शामिल हैं.
| Tweet |