जीएसटी: छोटे कारोबारियों को बड़ी छूट, बड़ी राहत

Last Updated 07 Oct 2017 05:28:47 AM IST

नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर घिरी केंद्र सरकार को तीन माह के भीतर ही जीएसटी में भारी फेरबदल के लिए मजबूर होना पड़ा है.


जीएसटी परिषद की बैठक में भाग लेते वित्त मंत्री अरुण जेटली, वित्त राज्यमंत्री शिवप्रताप शुक्ला और राजस्व सचिव हशमुख अधिया.

समझा जाता है कि यह फेरबदल आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए किया गया है.

शुक्रवार को जीएसटी परिषद की बैठक में छोटे कारोबारियों, सर्राफा कारोबारियों, किसानों और आम लोगों को बड़ी राहत देने का निर्णय किया गया. छोटे कारोबारियों के लिए परिषद ने कम्पोजीशन स्कीम के नियमों में बदलाव करते हुए इसकी सीमा अब 75 लाख से एक करोड़ कर दी गई है. साथ ही व्यापारियों को तिमाही रिटर्न दाखिल करने की छूट दी गई है.

साथ ही 27 वस्तुओं की जीएसटी दरों में कमी की गई है. वित्त मंत्री अरु ण जेटली ने शुक्रवार शाम को जीएसटी परिषद की बैठक में हुए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में हमने पाया कि छोटे और मझौले कारोबारियों को मुश्किल हो रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए हमने कुछ बदलाव किए हैं. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि जीएसटी की समीक्षा के लिए पैनल बनाया जाएगा.

रिवर्स चार्ज व्यवस्था : रिवर्स चार्ज की व्यवस्था को 31 मार्च  तक स्थगित कर दिया गया है.

सेवा प्रदाता नहीं चुन सकते विकल्प : रेस्तरां संबंधित सेवाओं, आइसक्रीम, पान मसाला या तंबाकू विनिर्माता, आकस्मिक करदाता अथवा प्रवासी करदाता व्यक्ति तथा ई-वाणिज्य आपरेटर के जरिये वस्तुओं की आपूर्ति करने वाली कंपनियों के अलावा अन्य कोई भी सेवा प्रदाता इस योजना का विकल्प नहीं चुन सकता है. जो भी कंपनी कंपोजिशन योजना का विकल्प चुनती हैं, वे  इनपुट टैक्स क्रेडिट  का दावा नहीं कर सकती. साथ ही करदाता एक ही राज्य में आपूर्ति कर सकते हैं और वस्तुओं की एक राज्य से दूसरे राज्य में आपूर्ति नहीं कर सकते.

निर्यातकों के लिए : 10 अक्टूबर से जुलाई महीने का और 18 अक्टूबर से अगस्त महीने का एक्सपोर्टर को रिफंड चेक दे दिए जाएंगे. यह तात्कालिक व्यवस्था है.
स्थाई व्यवस्था के रूप में हर एक्सपोर्टर का एक ही ई वॉलेट बनेगा. ई वॉलेट की व्यवस्था एक अप्रैल 2018 से शुरू होगी. इसी में रिफंड का पैसा आएगा. इन निर्यातकों की बड़ी रकम फंसी हुई है.

क्यों पड़ी जरूरत : जीएसटी के जरिए बेकार हो चुकी वैट कर पण्राली को बदलने का कदम उठाया जा चुका है. लेकिन बीते 3 महीनों में देश में छोटे-बड़े कारोबारियों को इस नई कर व्यवस्था के तहत जाने में बड़ी दिकक्तों का सामना कर पड़ रहा है.

छोटे कारोबारियों को क्या मिला
►    डेढ़ करोड़ रुपए तक के टर्न ओवर वाले व्यापारियों को तिमाही रिटर्न दाखिल करने की छूट. पहले हर महीने रिटर्न दाखिल करने का प्रावधान था.  
►    इस छूट का फायदा खुदरा और थोक विक्रेता, मैन्युफेक्चरर, ट्रेडर्स, रेस्टोरेंट कारोबारी उठा सकते हैं.
►    छोटे और मझौले कारोबारियों पर टैक्स मामले में कार्रवाई नहीं होगी.
कम्पोजीशन स्कीम  का दायरा बढ़ा
►    अब तक 75 लाख सालाना टर्नओवर तक के व्यापारियों को कंपोज़ीशन स्कीम के तहत 1 फीसद टैक्स देकर रिटर्न दाखिल करने से छूट मिलती है, यह सीमा एक करोड़ की गई है.
►     कंपोजीशन स्कीम के तहत एक करोड़ टर्न ओवर वाले कारोबारियों को ट्रेडर्स का एक फीसद और निर्यातकों को 2 फीसद टैक्स देना होगा. इसके अलावा रेस्टोरेंट मालिकों को 5 फीसद टैक्स देना होगा.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने क्या कहा
►    जीएसटी लागू हुए तीन महीने हुए हैं. पहले दो महीने रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या बढ़ी.
►    कलेक्शन का पैटर्न दो महीने में पता नहीं चल पाएगा, क्योंकि ये ट्रांजेशन का फेज है.
►    बैठक में छोटे और मझौले उद्योगों और कारोबारियों को आ रही परेशानियों पर चर्चा हुई है.
►    जीएसटी का बड़ा हिस्सा बड़े कारोबारियों के यहां से आता है.
सर्राफा कारोबारी मनी लांड्रिंग एक्ट से बाहर
►    मनी लांड्रिंग एक्ट से सर्राफा कारोबारियों को बाहर रखने का फैसला किया गया है. इसके लिए सरकार अलग से अधिसूचना जारी करेगी. यह जानकारी जीएसटी परिषद के सदस्य और बैठक में शामिल बिहार के उप मुख्यमंत्री ने दी है. 50 हजार तक के आभूषण खरीदने के लिए पैन की अनिवार्यता खत्म, नई सीमा की घोषणा जल्द होगी

ये चीजें होंगी सस्ती
इन पर हुई 12 से 5% जीएसटी दर
स्लाइ्स ड्राइड मैंगो
खाखड़ा व प्लेन चपाती 
बच्चों के पैकेज्ड फूड
अनब्रांडेड नमकीन
अनब्रांडेड आयुर्वेदिक दवाओं
पेपर वेस्ट
सर्विसेज में जरी के काम और आर्टिफिशियल जूलरी
इन पर हुई 18 से 5% जीएसटी दर
प्लास्टिक, रबर वेस्ट , प्रिटिंग, कबाड़ा, कांच और उसका कबाड़, बायोमास अपशिष्ट
इन पर हुई 18 से 12% जीएसटी दर
सिलाई धागा, सभी तरह के आर्टिफिशियल धागे, सिंथेटिक फिलामेंट धागा (नायलॉन, पोलिस्टर व एक्रेलिक), हाथ से बने धागे, हाथ से बने कपड़े. 
इन पर हुई 28 से 18% जीएसटी दर
मार्बल, ग्रेनाइट को छोड़ दूसरे स्टोन, स्टेशनरी, डीजल इंजन के पार्ट्स, पानी के पंपों के कलपुज्रे, पोस्टर कलर, बच्चों के मॉडलिंग पेस्ट, फाइल लेटर क्लिप, पेपर क्लिप, इनडेक्सिंग टैग, स्टैपल, प्लेन सॉफ्ट वेयरिंग
इन पर हुई 28 से 5% जीएसटी दर
ईवेस्ट, हार्ड रबर वेस्ट

रोशन
सहारा न्यूज ब्यूरो


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