बैंकों के एकीकरण के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाएगी सरकार

Last Updated 23 Aug 2017 07:55:49 PM IST

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के तेजी से एकीकरण के लिए सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था बनाने का फैसला किया है.


वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)

इस व्यवस्था के तहत सरकारी बैंकों के एकीकरण के प्रस्ताव की समीक्षा की जाएगी. इसका मकसद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या कम रखकर उन्हें मजबूत बनाना है.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस कदम का उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था की ऋण की बढ़ती जरूरत को पूरा करना और सरकारी बैंक क्षेत्र में क्षमता निर्माण करना है जिससे वे संसाधन जुटाने के लिए सरकार पर निर्भर न रहें. मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एकीकरण और विलय के लिए वैकल्पिक व्यवस्था को सैद्धान्तिक मंजूरी दे दी है. 

बयान में कहा गया है कि इस फैसले से राष्ट्रीयकृत बैंकों का एकीकरण किया जा सकेगा जिससे मजबूत और प्रतिस्पर्धी बैंक अस्तित्व में आ सकेंगे. 

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निदेशक मंडलों से आने वाले एकीकरण के प्रस्तावों की समीक्षा की जाएगी. वित्त मंत्री ने कहा, सार्वजनिक क्षेत्र में काफी बैंक हैं. हमारा मकसद मजबूत बैंक बनाना हैं. अभी तक एकीकरण को लेकर हमारा अनुभव अच्छा रहा है.  

उल्लेखनीय है कि हाल के समय में भारतीय स्टेट बैंक ने अपने पांच सहयोगी बैंकों तथा भारतीय महिला बैंक का खुद में विलय किया है. जेटली ने स्पष्ट किया कि बैंकों के एकीकरण के किसी भी फैसले का एकमात्र आधार व्यावसायिक होगा.



उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयकृत बैंकों के विलय का प्रस्ताव बैंकों के बोर्ड की ओर से आना चाहिए. एकीकरण के सैद्धान्तिक मंजूरी के प्रस्ताव को वैकल्पिक व्यवस्था के समक्ष रखा जाएगा. 

इस एकीकरण के पीछे तर्क बताते हुए जेटली ने कहा कि इससे बैंकों की वाणिज्यिक ताकत बढ़ेगी और एक ही स्थान में कई संसाधनों के इस्तेमाल को रोका जा सकेगा.  उन्होंने कहा कि ऐसे बैंकों में झटके सहने की क्षमता होगी और वे खुद के बूते संसाधन जुटाने में सक्षम होंगे.

वित्त मंत्री ने कहा कि इस व्यवस्था की देखरेख एक मंत्री स्तरीय समिति करेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह तय करेंगे कि इस समिति में कौन होगा. सैद्धान्तिक मंजूरी के बाद बैंक कानून और सेबी की अनिवार्यता के मुताबिक कदम उठाएंगे. इस बारे में अंतिम योजना को केंद्र सरकार भारतीय रिजर्व बैंक के साथ विचार-विमर्श के बाद अधिसूचित करेगी.

 

 

भाषा


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