VIDEO: बैंकिंग रेग्युलेशन ऐक्ट में बदलाव को मिली कैबिनेट की मंजूरी, अध्यादेश राष्ट्रपति को भेजा

Last Updated 04 May 2017 09:38:07 AM IST

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक बैंकों में नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए बैंकिंग नियमन कानून में संशोधन के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है.


वित्त मंत्री अरुण जेटली

इससे रिजर्व बैंक को सशक्त किया जा सकेगा, जिससे वह प्रभावी तरीके से बैंकिंग क्षेत्र में बढ़ती एनपीए की समस्या से निपट सकेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में अध्यादेश के जरिये बैंकिंग नियमन कानून की धारा 35 ए में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.

इस संशोधन के बाद रिजर्व बैंक रिण चूककर्ताओं से कर्ज की वसूली के लिए बैंकों को निर्देश जारी कर सकेगा. धारा 35ए के तहत रिजर्व बैंक को जनहित और जमाकर्ताओं के हित में बैंकों को निर्देश जारी करने का अधिकार होता है.

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि मंत्रिमंडल ने बैंकिंग क्षेत्र के संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण फैसले किए हैं.

उन्होंने कहा कि इस तरह की परंपरा है कि जब किसी प्रस्ताव को राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है तो उसके ब्योरे का खुलासा उस पर मंजूरी से पहले नहीं किया जा सकता है. जेटली ने कहा कि जैसे ही इस पर मंजूरी मिलेगी, इसका ब्योरा साझा किया जाएगा.

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का डूबा कर्ज या एनपीए 6 लाख करोड़ रुपये के भारी-भरकम आंकड़े पर पहुंच चुका है. बीते वित्त वर्ष के पहले नौ माह में सरकारी बैंकों के डूबे कर्ज में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का इजाफा हुआ. 31 मार्च, 2016 तक यह 6.07 लाख करोड़ रुपये हो गया था.
 

 

भाषा


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