डीजल में मिलावट राजनीतिज्ञों जैसे ताकतवर लोग कर रहे : सुप्रीम कोर्ट

Last Updated 27 Aug 2016 05:28:12 AM IST

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि पेट्रोल पंपों पर डीजल में धड़ल्ले के साथ मिलावट चल रही है और इनके मालिक और डीलर इसके लिए लाखों लीटर मिट्टी के तेल की हेराफेरी कर रहे हैं.


सुप्रीम कोर्ट

न्यायालय ने कहा कि ये लोग राजनीतिज्ञों जैसे बड़े ताकतवर लोग हैं.

मुख्य न्यायधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, यह कोई अच्छी स्थिति नहीं है. यह ऐसा मामला है जो धड़ल्ले से चल रहा है और बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है तथा राजनीतिज्ञों जैसे बहुत ताकतवर लोगों के पास पेट्रोल पंप हैं. वे मशीन के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं. यही लोग हैं जो बदलाव का विरोध करेंगे. डीजल में मिलावट पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुये पीठ ने कहा, छोटी जगहों और ग्रामीण इलाकों में जाइए तो पाएंगे कि इसमें हर तरह के लोग शामिल हैं, अपराधी भी और राजनीतिज्ञ भी. पीठ ने पूछा, आप मिलावट को किस प्रकार रोकेंगे? कैसे यह रुकेगा? क्या कोई रणनीति है आपके पास. लाखों लीटर किरोसिन की हेराफेरी की जा रही है.

न्यायालय ने सरकार को पेट्रोलियम मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा जांच उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी के विधायक देवेन्द्र ऊर्फ मुकेश अग्रवाल के खिलाफ इस मामले में जांच कराने का आदेश देते हुये ये टिप्पणियां कीं. पीठ में मुख्य न्यायधीश के अलावा न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर और डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल हैं. अग्रवाल के खिलाफ बसपा नेता सीमा उपाध्याय ने आरोप लगाया है कि उनके (उपाध्याय के) स्वामित्व और परिचालन में बेनामी रूप से चल चलाए जा रहे पेट्रोल पंपों पर डीजल में मिलावट की जाती है.

पीठ ने सालिसिटर जनरल रंजीत कुमार से मंत्रालय की ओर से एक शपथपत्र दाखिल करने को कहा है जिसमें  सब्सिडी पर उपलब्ध कराए जाने वाले मिट्टी के तेल की मिलावट और हेराफेरी रोकने के उपायों की जानकारी दी गई हो. पीठ ने हालांकि कुमार के इस तर्क पर ध्यान नहीं दिया कि इस मामले में जनहित याचिका की आड़ में विरोधी राजनेता की ओर से निजी स्वार्थ से यह मुद्दा उठाया गया है. पीठ ने कुमार से कहा कि जांच रिपोर्ट छह सप्ताह में उच्चतम न्यायालय को सौंपी जानी चाहिये. 

पीठ ने कहा कि जांच अधिकारी को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सादाबाद के विधायक अग्रवाल को नोटिस भेजना चाहिये और उपाध्याय के आरोपों पर उससे जवाब मांगना चाहिये. न्यायालय पीठ ने मंत्रालय से पेट्रोल और डीजल में मिलावट की जांच के लिये पेट्रोल पंपों पर मशीन लगाने सहित विभिन्न विकल्पों को परखने का कहा है.



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