15 जून से लिजिए इन ट्रेनों में अपनी मर्जी का भोजन
ट्रेनों में केटरिंग सेवाओं को वैकल्पिक बनाने की संभावना लेकर रेलवे ने 45 दिनों के लिए इसका परीक्षण करने का फैसला किया है.
फाइल फोटो |
ट्रेनों में अनिवार्य केटरिंग सेवाओं को वैकल्पिक बनाने की संभावना तलाशने को लेकर रेलवे ने पायलट आधार पर 45 दिनों के लिए इसका दो राजधानी और दो शताब्दी ट्रेनों पर परीक्षण करने का फैसला किया है.
यह परीक्षण 15 जून से शुरू हो रहा है, जिसे यात्रियों के व्यंजन के पसंद का पता लगाने और उन्हें स्थानीय भोजन का विकल्प मुहैया करने के लिए किया जाएगा.
इसका परीक्षण निजमुद्दीन-मुंबई के मध्य अगस्त क्रांति राजधानी, नयी दिल्ली-पटना राजधानी, पुणे-सकिंदराबाद शताब्दी एक्सप्रेस और हावड़ा-पुरी शताब्दी एक्सप्रेस में किया जाएगा.
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने 2016-17 के अपने बजट भाषण में इस संबंध में घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि ट्रेनों पर अनिवार्य केटरिंग सेवाओं को वैकल्पिक बनाने की संभावना तलाशी जाएगी.
इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एके मनोचा ने बताया कि यात्रियों को ऐसे किसी कदम से किसी भी तरह से असुविधा नहीं होगी क्योंकि केटरिंग को सिर्फ वैकल्पिक बनाया जा रहा.
यात्रियों से मिले फीडबैक के आधार पर रेलवे ऐसी सुविधा अन्य ट्रेनों में पेश करने पर विचार करेगा.
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