बालों के तेल के भ्रामक विज्ञापन के लिए पतंजलि की एएससीआई ने की खिंचाई
भारतीय विज्ञापन मानक परिषद ने योगगुरू रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को उसके उत्पादों के भ्रामक विज्ञापन के लिए लताड़ लगाई है.
फाइल फोटो |
विज्ञापनों की निगरानी करने वाली संस्था एएससीआई ने पतंजलि आयुर्वेद की उसके विभिन्न विज्ञापनों में ‘झूठे और भ्रामक’ दावे करने के लिए खिंचाई की है. इनमें उसके कपड़ा धोने के पाउडर और बालों के तेल का विज्ञापन भी शामिल है.
भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने कहा कि योग गुरू रामदेव से जुड़ा समूह अपने विज्ञापनों में बाजार में मौजूद अन्य विज्ञापनों को ‘अनुचित तरीके से नीचा दिखा’ रहा है.
इसके अलावा एएससीआई की ग्राहक शिकायत परिषद (सीसीसी) ने जॉनसन एंड जॉनसन, अमेजन, आईटीसी और अन्य कंपनियों के विज्ञापनों के खिलाफ शिकायतों को भी देखा.
मार्च के महीने में सीसीसी को कुल 156 शिकायतें मिलीं जिसमें से 90 को उसने ‘झूठा और भ्रामक’ करार दिया. इसमें शिक्षा क्षेत्र की 32 और स्वास्थ्य क्षेत्र की 30 और खान-पान क्षेत्र की 10 शिकायतें शामिल हैं.
सीसीसी ने पतंजलि के केश कांति नेचुरल हेयर क्लींजर एंड ऑयल के विज्ञापन में कहा गया है कि ‘मिनरल ऑयल प्राकृतिक रूप से कैंसरकारक होते हैं और इनके इस्तेमाल से कैंसर हो सकता है।’ जो कि झूठा और भ्रामक दावा है.
परिषद ने पतंजलि के कच्ची घानी सरसों तेल के विज्ञापन से जुड़ी शिकायतों पर भी इस विज्ञापन को अन्य कंपनियों के उत्पाद को नीचा दिखाने वाला पाया.
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