सिर्फ एक प्रतिशत आबादी देती है कर, 5,000 करते हैं एक करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान

Last Updated 01 May 2016 04:08:49 PM IST

देश की कुल आबादी में करदाताओं की संख्या सिर्फ एक प्रतिशत हैं. हालांकि, 5,430 लोग ऐसे हैं जो सालाना एक करोड़ रुपये से अधिक का कर देते हैं.


सिर्फ एक प्रतिशत आबादी देती है कर

सरकार के आकलन वर्ष 2012-13 के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है.
   
पारदर्शिता अभियान के तहत सरकार ने पिछले 15 साल के प्रत्यक्ष कर आंकड़ों को सार्वजनिक किया है. आकलन वर्ष 2012-13 के लिए लोगों के आंकड़ों को प्रकाशित किया गया है. इसमें 31 मार्च, 2012 को समाप्त वित्त वर्ष के आयकर के आंकड़े दिए गए हैं. कुल मिलाकर 2.87 करोड़ लोगों ने वित्त वर्ष के लिए आयकर रिटर्न दाखिल किया. इनमें से 1.62 करोड़ ने कोई कर नहीं दिया. इस तरह करदाताओं की कुल संख्या 1.25 करोड़ रही, जो उस समय देश की 123 करोड़ की आबादी का लगभग एक प्रतिशत बैठता है.
   
आंकड़ों के अनुसार ज्यादातर यानी 89 प्रतिशत या 1.11 करोड़ लोगों ने 1.5 लाख रुपये से कम का कर दिया. इस दौरान औसत कर भुगतान 21,000 रुपये रहा. कुल कर संग्रहण 23,000 करोड़ रुपये रहा. 100 से 500 करोड़ रुपये के दायरे में तीन लोगों ने 437 करोड़ रुपये का कर दिया. इस तरह औसत कर भुगतान 145.80 करोड़ रुपये रहा.
   
कुल मिलाकर 5,430 लोगों ने एक करोड़ रुपये से अधिक का आयकर अदा किया. इनमें से 5,000 लोगों का कर भुगतान एक से पांच करोड़ रुपये के दायरे में रहा. इन लोगों का कुल कर भुगतान 8,907 करोड़ रुपये रहा.
   
कुल आंकड़ों के अनुसार 2015-16 में कुल आयकर संग्रहण नौ गुना बढ़कर 2.86 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया. यह 2000-01 में 31,764 करोड़ रुपये था.




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