चालू वित्त वर्ष में बैंकों को करोड़ों रूपये का घाटा

Last Updated 10 Feb 2016 12:52:27 PM IST

चालू वित्त वर्ष में सेंट्रल बैंक आफ इंडिया को 836.62 करोड़ रूपये का शुद्ध घाटा, इलाहाबाद बैंक को 486.14 करोड़ रूपये का शुद्ध घाटा और देना बैंक को 662.85 करोड़ रूपये का घाटा हुआ है.


फाइल फोटो

सेंट्रल बैंक को 837 करोड़ रूपये का घाटा

सेंट्रल बैंक आफ इंडिया ने मंगलवार को कहा कि 31 दिसंबर, 2015 को समाप्त हुई तिमाही में उसे 836.62 करोड़ रपये का शुद्ध घाटा हुआ है. सार्वजनिक क्षेत्र के इस बैंक को पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 137.65 करोड़ रूपये शुद्ध लाभ हुआ था.
   
सेंट्रल बैंक ने बंबई शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि आलोच्य तिमाही में उसकी कुल आय घटकर 6,911.62 करोड़ रपये रही जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 7,032.70 करोड़ रूपये थी.

इलाहाबाद बैंक का तीसरी तिमाही का नुकसान 486 करोड़ रूपये

सार्वजनिक क्षेत्र के इलाहाबाद बैंक ने चालू वित्त वर्ष में 31 दिसंबर 2015 को समाप्त तीसरी तिमाही में 486.14 करोड़ रपये का शुद्ध घाटा दिखाया है. वसूली में फंसे कर्जों के एवज में अपेक्षाकृत अधिक पूंजी का प्रावधान करने के कारण बैंक को घाटा हुआ है.
  
एक साल पहले इसी तिमाही में बैंक को 164.11 करोड़ रूपये का मुनाफा हुआ था. इस दौरान बैंक की आय 5,386.79 करोड़ रपए से घटकर 5,030.19 करोड़ रूपए रही. आलोच्य तिमाही के अंत में कंपनी की शुद्ध अवरद्ध परिसम्पत्तियां (एनपीए) यानी वसूल नहीं हो रहे ऋण का अनुपात कुल बकाया ऋण के 4.23 प्रतिशत पर पहुंच गया. दिसंबर 2014 के अंत में सकल एनपीए 3.89 प्रतिशत था.
  
आलोच्य तिमाही में बैंक ने एनपीए के लिए 1,208.15 करोड़ रूपए के प्रावधान किये जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में इस मद में 643.66 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया था.
  
इस बीच बैंक ने एक बयान में कहा है कि वह सरकार या एलआईसी को वरीयता के आधार पर शेयर जारी कर 1,000 करोड़ रूपए की पूंजी जुटाने की योजना बना रहा है. इसके अलावा वह चालू वित्त वर्ष में बांड के जरिए 500 करोड़ रूपए जुटाने की तैयारी में है.
  
बैंक के निदेशक मंडल ने बैंक को सरकार या एलआईसी को वरीयता शेयर जारी कर 1,000 करोड़ रूपए तक की शेयर पूंजी जुटाने की अनुमति दे दी है. निदेशक मंडल ने 500 करोड़ रूपए के बांड जारी करने के प्रस्ताव को भी मंजूर किया है.

देना बैंक को तीसरी तिमाही में 663 करोड़ रूपये का घाटा

सार्वजनिक क्षेत्र के देना बैंक को चालू वित्त वर्ष की अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में 662.85 करोड़ रूपये का घाटा हुआ. फंसा कर्ज बढ़ने की वजह से घाटा हुआ है.
  
इससे पूर्व वित्त वर्ष 2014-15 की इसी तिमाही में बैंक को 76.56 करोड़ रूपये का शुद्ध लाभ हुआ था.
  
बैंक की कुल आय भी आलोच्य तिमाही में घटकर 2,722.23 करोड़ रूपये रही जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 2,867.32 करोड़ रूपये थी.  बैंक का फंसा कर्ज (एनपीए) आलोच्य तिमाही में बढ़कर 9.85 प्रतिशत हो गया जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 5.61 प्रतिशत था.



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