TRAI ने इंटरनेट डेटा के लिए अलग अलग शुल्क पर रोक लगाई

Last Updated 08 Feb 2016 07:13:26 PM IST

दूरसंचार नियामक ट्राई ने मोबाइल कंपनियों को इंटरनेट के इस्तेमाल के लिए अलग अलग शुल्क लगाने से रोक दिया है.


TRAI नेट न्यूट्रलिटी के पक्ष में (फाइल फोटो)

ट्राई का यह कदम देश में नेट निरपेक्षता को मजबूत बनाने वाला माना जा रहा है जबकि यह फेसबुक और ऐसी दूरसंचार कंपनियों के लिए झटका है जो इंटरनेट सेवाओं के इस्तेमाल के लिए सामग्री के आधार पर अलग अलग शुल्क रखने की वकालत कर रही थीं.

यही नहीं, अपनी दूरगामी सिफारिशों में ट्राई ने इस आदेश का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर हर दिन 50,000 रुपये के जुर्माने का प्रस्ताव किया है. अधिकतम जुर्माना 50 लाख रुपये तक हो सकता है.

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकार (ट्राई) के चेयरमैन आर एस शर्मा ने उक्त नियमों (डेटा सेवाओं के लिए भेदकारी शुल्क निषेध नियमन,2016) का ब्यौरा यहां जारी किया.

\"\"उन्होंने कहा,‘कोई भी सेवा प्रदाता डाटा सामग्री (कंटेंट) के आधार पर डेटा सेवाओं के लिए भिन्न शुल्क न तो वसूलेगा और न ही कोई ऐसी पेशकश करेगा.’

नये नियम सोमवार से प्रभावी हो गए. नये नियम नेट निरपेक्षता को लेकर लंबे समय से जारी बहस के बीच आए हैं. सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक की उसके ‘फ्री बेसिक्स’ प्लेटफार्म के लिए आलोचना हो रही है तो एयरटेल जैसी कंपनियां पूर्व में घोषित अपनी ऐसी ही योजनाओं के लिए नेट निरपेक्षता के समर्थकों के निशाने पर हैं.

ट्राई के इस आदेश को फेसबुक के लिए झटका माना जा रहा है जिसकी फी बेसिक्स’ शुरू करने की योजना है. फी बेसिक्स के तहत चुनिंदा वेबसाइटों के नि:शुल्क इस्तेमाल की अनुमति दी जाती है. कंपनी के इस कदम को नेट निरपेक्षता के समान पहुंच अवधारणा के प्रतिकूल बताया जा रहा है.

शर्मा ने कहा,‘ इंटरनेट पर उपलब्ध किसी (सामग्री) के लिए अलग अलग मूल्य नहीं रखा जा सकता. यही एक बड़ा बिंदु है जिसे हमने नियमन में रेखांकित किया है.’

उन्होंने कहा कि नये नियमों के हिसाब से उल्लंघनकारी मौजूदा योजनाओं को छह महीने में बंद करना होगा. उन्होंने कहा कि नये नियमों को राजपत्र में अधिसूचित कर दिया गया है और ये \"\"सोमवार से प्रभावी हो गए.

ट्राई ने हालांकि दूरसंचार कंपनियों को आपात सेवाओं के लिए शुल्क दर में कटौती की अनुमति दी है. शर्मा ने कहा,‘ हमने आपात सेवाओं को परिभाषित नहीं किया है. लेकिन इस तरह की सेवाओं के मामले में कंपनियों को सात दिन में ट्राई को सूचित करना होगा.’

कुछ दूरसंचार कंपनियां म्यूजिक, मूवी जैसी सेवाएं या एप्प अपने ग्राहकों को रियायती दरों पर उपलब्ध करा रही है. इस बारे में शर्मा ने कहा,‘ विशिष्ट उत्पादों या सेवाओं की बात मत करिए. इंटरनेट पर जो कुछ उपलब्ध है उसके लिए अलग अलग मूल्य नहीं होना चाहिए.’

साफ्टवेयर फ्रीडम ला सेंटर की कार्यकारी निदेशक मिशी चौधरी ने ट्राई के ताजा नियम को ‘ सही दिशा में उठाया गया बड़ा कदम’ करार दिया है.उल्लेखनीय है कि नेट निरपेक्षता की बहस में डेटा सेवाओं के लिए भिन्न या अलग अलग शुल्क दर रखने का मुद्दा सबसे प्रमुख विवादों में से एक है.

दूरसंचार कंपनी एयरटेल ने दिसंबर 2014 में इंटरनेट के जरिए की जाने वाली काल के लिए अलग शुल्क लगाने का फैसला किया. हालांकि लोगों के भारी विरोध के चलते उसे इसे वापस लेना पड़ा.

हालांकि एयरटेल के इस कदम के बाद देश में नेट निरपेक्षता की बहस ने जोर पकड़ लिया.




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