औद्योगिक गतिविधियों में अच्छी तेजी, अर्थव्यवस्था पटरी पर : राजन

Last Updated 01 Dec 2015 01:25:57 PM IST

रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जहाँ औद्योगिक गतिविधियों में अच्छी तेजी देखी गयी, वहीं दूसरे मानकों से भी अर्थव्यवस्था में सुधार की शुरुआत के संकेत मिलते हैं.


फाइल फोटो

राजन ने चालू वित्त वर्ष की पाँचवीं ऋण एवं मौद्रिक नीति समीक्षा में कहा कि औद्योगिक गतिविधियों में तेजी के बल पर वित्त वर्ष 2015-16 की दूसरी तिमाही में आधार मूल्य पर सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) अनुमान में बढ़ोतरी हुयी है.

उन्होंने कहा कि कमजोर मानसून के प्रभाव को कम करने के लिए समय से नीतिगत हस्तक्षेप के कारण खरीफ उत्पादन में बढ़ोतरी से कृषि एवं उससे जुड़े क्षेत्रों में तेजी दर्ज की गयी. भारतीय मौसम विभाग ने उत्तर-पूर्व (लौटते) मानसून के सामान्य रहने की उम्मीद जतायी है.

फिर भी सीजन के दौरान सूखा रहने से रबी फसलों की बुवाई प्रभावित हुयी है. अधिक बारिश होने की स्थिति में कॉफी और धान उत्पादन प्रभावित हो सकता है. इससे चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेा की विकास दर हद से हद सामान्य रहने की उम्मीद है.

राजन ने कहा कि दूसरी तिमाही में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक ने तेजी पकड़ी है. इस दौरान विनिर्माण क्षेा के नये ऑर्डरों में बढ़ोतरी हुई है, विनिर्मित वस्तुओं का भंडार घटा है, जबकि कच्चे माल का भंडार बढ़ा है. शहरी क्षेत्रों में यात्री वाहनों की बिक्री सरीखे कुछ क्षेत्रों में उपभोग में तेजी लौट रही है.


वहीं, दो साल लगातार कमजोर मानसून और निर्माण गतिविधियों की धीमी रफ्तार के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में माँग कमजोर रही है.

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि सेवा क्षेत्र के सूचकांक में मिलाजुला रुख रहा. नये ऑर्डरों की बदौलत अक्टूबर में सेवा क्षेत्र का पच्रेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) बढ़ा है. साल दर साल आधार पर व्यावसायिक वाहनों की बिक्री और विमान याियों की संख्या में बढ़ोतरी हुयी है.

वहीं पर्यटकों के आगमन, महत्वपूर्ण बंदरगाहों पर कार्गो के संचालन, रेलवे की माल ढुलाई, घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय माल वाहन विमानों के यातायात के साथ ही इस्पात की खपत की रफ्तार धीमी रही.
 
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी अनुमान के अनुसार, स्थिर मूल्य पर जीडीपी पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के 25.66 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर इस साल 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में 27.57 लाख करोड़ रुपये पर पहुँच गया. इस प्रकार इसमें 7.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गयी.



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