विजय माल्या के घर-दफ्तर पर सीबीआई का छापा
केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 900 करोड़ के कथित बैंक कर्ज डिफाल्ट मामले में शनिवार को शराब कारोबारी विजय माल्या के घर, दफ्तर और उनकी बंद हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइन्स के परिसरों समेत पांच जगहों की तलाशी ली.
विजय माल्या (फाइल फोटो) |
यह कर्ज आइडीबीआई बैंक से लिया गया था.
सीबीआई सूत्रों ने शनिवार को बताया कि मुंबई, गोवा, बेंगलुरु और अन्य जगहों पर माल्या के ऑफिसों और आवास पर मारे गए. सीबीआई ने बंद हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस के निदेशक, एयरलाइंस के मुख्य वित्त अधिकारी ए. रघुनाथन और आईडीबीआई बैंक के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है.
आरोप है कि किंगफिशर को 900 करोड़ रुपए का कर्ज क्रेडिट लिमिट के संबंध में तय नियमों का उल्लंघन करते हुए मंजूर किया गया. कंपनी की ओर से इन छापों में तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. सूत्रों ने कहा कि माल्या को इस मामले में जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा.
बैंक को भी स्पष्टीकरण देना होगा कि उसने एयरलाइंस को कर्ज क्यों दिया, जबकि उसकी खुद की आंतरिक रिपोर्ट में इसके खिलाफ चेतावनी दी गई थी. कर्ज में डूबी किंगफिशर ने अक्टूबर 2012 से अपना कामकाज बंद कर दिया.
सीबीआई सूत्रों ने कहा कि 2013 में विभिन्न कंपनियों को सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों की ओर से दिए गए डूबत कर्जों के संबंध में कुल 27 जांच और केस दर्ज किए हैं. 7 बैंकों के कंसोर्टियम ने किंगफिशर को 7 हजार करोड़ रुपए का कर्ज दे रखा है. इसमें सबसे ज्यादा कर्ज स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का 1600 करोड़ रुपए का है.
ऋण बोझ तले दबी विमानन कंपनी ने अक्तूबर 2012 में परिचालन बंद कर दिया. सीबीआई सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने सरकारी बैंकों द्वारा कंपनियों को दिये गये कर्ज और उसकी वसूली नहीं हो पाने से जुड़े 27 मामले वर्ष 2013 में दर्ज किये हैं.
गौरतलब है कि 17 बैंकों के कंसोर्टियम का किंगफिशर पर 7,000 करोड़ रुपए बकाया है और सबसे ज्यादा 1,600 करोड़ रुपए का बकाया भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का है. तत्कालीन सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने कहा था कि बैंकों का ज्यादातर एनपीए 30 बड़े डिफाल्टर खातों से जुड़ा है.
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने नयी दिल्ली में कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी के तहत आपराधिक षडयंत्र के साथ-साथ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के विश्वास का आपराधिक हनन प्रावधान के तहत मामला दर्ज किया गया है.
प्रवक्ता ने कहा आईडीबीआई के अधिकारियों ने विमानन कंपनी के प्रवर्तक-निदेशक और मुख्य वित्त अधिकारी के साथ कथित तौर पर मिली-भगत की और बैंकिंग मानदंडों का उल्लंघन कर करीब 900 करोड़ रुपए का ऋण प्रदान किया जिससे बैंक को नुकसान हुआ.
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