बड़े खर्च पर अनिवार्य होगा पैन नंबर
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि घरेलू बाजार में कालेधन के सृजन पर अंकुश लगाने के इरादे से सरकार जल्दी ही एक निश्चित सीमा से अधिक के नकद लेनदेन पर पैन कार्ड का ब्योरा देना अनिवार्य करेगी.
वित्त मंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो) |
जेटली ने रविवार को फेसबुक पर अपनी एक ताजा टिप्पणी में कहा है, ‘‘सरकार इस विचार पर काफी आगे बढ़ चुकी है कि अगर सौदों में नकद लेनदेन एक निश्चित सीमा से अधिक होता है तो (उसमें) पैन कार्ड का ब्योरा देने को अनिवार्य किया जाए.’
उन्होंने कहा कि आयकर विभाग की निगरानी व्यवस्था को मजबूत बनाया गया है और सूचना प्राप्त करने और कर चोरी का पता लगाने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित विश्लेषणात्मक उपकरण के उपयोग की उसकी क्षमता बढ़ाई गई है. जीएसटी का लागू होना इस दिशा में एक बड़ा कदम होगा.
जेटली ने कहा, ‘‘इससे सोना जैसे वस्तुओं में जहां निर्यातकों द्वारा इनकी प्रारंभिक खरीद सीमा शुल्क के भुगतान के साथ की जाती है, पर उसके बाद उनका अधिकांश क्रय-विक्रय नकद में किया जाता है, जिसका आसानी से पता लगाया जा सकता है.’
वित्त वर्ष 2015-16 के बजट में वित्त मंत्री ने एक लाख से अधिक की खरीद-बिक्री पर स्थायी खाता संख्या (पैन) का जिक्र करने का प्रस्ताव किया था.
जेटली ने कहा था, ‘‘एक लाख रुपये से अधिक की खरीद या बिक्री पर पैन का जिक्र करना अनिवार्य किया जा रहा है.’ लेकिन इस प्रस्ताव के खिलाफ सरकार को तमाम ज्ञापन मिले थे. इसमें व्यक्तियों और उद्योग व्यापार संघो के अलावा सांसदों और विधायकों के ज्ञापन भी शामिल हैं.
वित्त मंत्री इस बात पर जोर दिया कि कालेधन का बड़ा हिस्सा अभी भारत में हैं, ऐसे में राष्ट्रीय रुख में बदलाव लाने की जरूरत है ताकि ‘प्लास्टिक करेंसी’ एक नियम बन जाए और नकदी लेन-देन अपवादस्वरूप हो और सरकार इस बदलाव को प्रोत्साहित करने के लिये विभिन्न प्राधिकरणों के साथ काम कर रही है.
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