आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है: राजन
आर्थिक परिदृश्य में धीमे सुधार के बावजूद भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर के अनुमान को बरकार रखते हुए आज कहा कि देश के आर्थिक हालात में सुधार हो रहा है.
आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन |
केंद्रीय बैंक के सर्वेक्षण आधारित संकेतकों से लगता है कि क्षमता का उपयोग और नये आर्डर बढ नहीं रहा है और कंपनियों की बिक्री में वृद्धि कम हो रही है.
बिक्री आय में कमी का एक एक मुद्रास्फीति में कमी हो सकता है.
आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्वैमासिक नीति समीक्षा में कहा है कि हालांकि कुल मिलाकर कारोबार जगत का विास ऊंचा है पर इस विश्वास का स्तर अप्रैल से जून की अवधि में इससे पिछली तिमाही के मुकाबले हल्का कम रहा.
नयी परियोजनाओं के आधार पर आकलित निवेश अभी भी कमजोर है. ऐसा मुख्य तौर पर स्थापित क्षमता के उपयोग का स्तर कम बने रहने के कारण है.
आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने समीक्षा में कहा ‘‘भारत में आर्थिक स्थिति में सुधार की प्रक्रिया जारी है .. वृद्धि के परिदृश्य में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है .. जोखिम के उभरते संतुलन के आलकन के आधार पर 2015-16 के लिए अनुमानित वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत पर बरकरार रखी गई है.’’
आरबीआई ने कहा ग्रामीण वेतन वृद्धि कम है लेकिन कंपनियों की कर्मचारी लागत की ओर से दबाव के संकेत हैं.केंद्रीय बैंक ने कहा ‘‘.उभोक्ता मांग, विशेष तौर पर शहरी इलाकों में बढ़ रही है. जुलाई में कार बिक्री मजबूत रही.’’
समीक्षा पत्र में कहा गया है, ‘‘बैंकों के रिण करोबार में वृद्धि पिछले साल से कम है लेकिन यदि मुद्रास्फीति में गिरावट, तेल विपणन कंपनियों द्वारा कम कर्ज लिए जाने और वाणिज्यिक पत्र बाजारों के जरिए जुटाए गए कर्ज को समयोजित कर दिया जाए तो ज्यादातर क्षेत्रों के लिए रिण उपलब्धता पर्याप्त नजर आती है.’’
मानसून के संबंध में केंद्रीय बैंक ने कहा कि जून में जोरदार बारिश के बाद जुलाई में यह सामान्य से कम रही लेकिन कुल मिलाकर मानसून सामान्य के करीब रहा है.
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