बैंकों को ब्याज दर में और कटौती करनी चाहिये - राजन

Last Updated 04 Aug 2015 12:28:07 PM IST

रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि ऋण माँग बढ़ाने के लिए बैंकों को ब्याज दरों में और कटौती करनी चाहिये क्योंकि इससे उनका लाभ बढ़ेगा.


रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन (फाईल फोटो)

रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने बैंकों के इस वर्ष अल्पकालिक ऋण दरों में तीन बार में की गई 0.75 प्रतिशत तक की कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों को नहीं दिये जाने पर मंगलवार को कहा कि ऋण माँग बढ़ाने के लिए बैंकों को ब्याज दरों में और कटौती करनी चाहिये क्योंकि इससे उनका लाभ बढ़ेगा.


श्री राजन ने मंगलवार जारी चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक ऋण एवं मौद्रिक नीति समीक्षा में अल्पकालिक नीतिगत दरों को यथावत रखते हुए कहा कि वर्ष 2015 में पहली बार जनवरी में ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती के बाद से अभी तक बैंकों की ऋण दरों में औसतन 0.30 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है जबकि इस दौरान कुल तीन बार आरबीआई रेपो दरों में 0.75 प्रतिशत कटौती कर चुका है.

श्री राजन ने कहा कि वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में यदि बैंक ऋण पर ब्याज दर घटाते हैं तो उन्हें इसका फायदा होगा क्योंकि ऐसा करने से नये ऋण की माँग में तेजी आ सकती है. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में बैंक ब्याज दरों में और कटौती करेंगे.

श्री राजन ने कहा कि ऐसा नहीं होता कि इधर रिजर्व बैंक ने रेपो दरों में कटौती की और उधर बैंक अपनी ब्याज दर घटा देंगे. इसमें समय लगता है. उन्होंने कहा कि यह यह धीमी प्रक्रिया है और आम तौर पर इसमें तीन से चार तिमाही का समय लगता है.

उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक भी अपनी नीतियाँ आज के लिए नहीं, अगली तीन-चार तिमाहियों को ध्यान में रख कर तय करता है और इसलिए आने वाले समय में बैंकों के ऋण दरों में और कटौती देखी जा सकती है.

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक की नीतिगत दरों की खासियत यह है कि इसमें होने वाला हर बदलाव अर्थव्यवस्था में स्वत: संचारित हो जाता है. उन्होंने कहा कि भले ही बैंकों ने ब्याज दरों में ज्यादा कटौती नहीं की है, लेकिन मनी मार्केट रेट के जरिये आरबीआई की रेपो दर में कटौती का लाभ ग्राहकों को मिल रहा है.

उन्होंने कहा कि मनी मार्केट रेट में काफी कमी आयी है. गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें भी मनी मार्केट के जरिये इसका लाभ मिल रहा है.

उन्होंने सरकार के सार्वजनिक क्षेा के बैंकों में दो अरब डॉलर (1200 करोड़ रुपये) पूंजी निवेश करने की योजना का स्वागत करते हुए कहा कि इससे बैंकों को ऋण की उपलब्धता बढ़ाने और सस्ते ब्याज पर कर्ज देने में मदद मिलेगी. हालाँकि इससे पहले वित्तमंत्री अरुण जेटली भी बैंकों से आरबीआई के अल्पकालिक ऋण दरों में कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों को देने की बात कह चुके हैं.

श्री राजने ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में उपभोग में तेजी आने के संकेत मिल रहे हैं. जुलाई में कारों की बिक्री में भी मजबूती दर्ज की गई. जून में कारों की बिक्री बेहतर रही है. पिछले वर्ष की तुलना में ऋण उठाव सुस्त रहा है. तेल कंपनियों का उठाव सुस्त रहने से अधिकांश क्षेत्रों के लिए तरलता की पर्याप्त उपलब्धता बनी हुयी है.



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