त्वरित रिफंड के लिए आयकर रिटर्न की करें ई-फाइलिंग

Last Updated 03 Aug 2015 09:37:35 AM IST

आयकर रिटर्न भरने के लिए अब चार सप्ताह ही शेष बचे हैं और त्वरित रिफंड हासिल करने के लिए ई-फाइलिंग (ऑनलाइन रिटर्न) भरने में ही समझदारी है.


फाईल फोटो

क्योंकि पांच लाख रुपये या उससे अधिक की आय वालों को तो ई-रिटर्न दाखिल करना ही होगा.

ई-रिटर्न भरने को अभी भी लोग बहुत मुश्किल काम मानते हैं जबकि सूचना प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग से यह अब बहुत सरल हो गया है. बहुत से लोग आयकर रिटर्न की बात सुनते ही तनाव महसूस करने लग जाते हैं लेकिन ऑनलाइन रिटर्न से अब बहुत सरल हो गया है.

वर्ष 2014-15 का आयकर रिटर्न 31 जुलाई तक भरना था लेकिन रिटर्न भरने वाले नये फॉर्म को जारी करने में हुये विलंब की वजह से सरकार ने इसकी अंतिम तिथि को बढ़ाकर 31 अगस्त 2015 कर दिया है.

आयकर रिटर्न की ई-फाइलिंग का मतलब है इंटरनेट का प्रयोग करते हुए कहीं से भी किसी भी समय इलेक्ट्रॉनिक रूप से आयकर रिटर्न जमा करना. यदि एक वित्त वर्ष में कुल आय पांच लाख रुपए से अधिक हो तो आयकर रिटर्न के लिए ई-फाइल करना अनिवार्य है.
 
आयकर रिटर्न की ई-फाइलिंग तीन तरीकों से की जा सकती है, पहला तरीका आयकर रिटर्न सत्यापन पावती पर डिजिटल हस्ताक्षर करना है. दूसरा हार्ड कॉपी पर हस्ताक्षर करके उसे सीपीसी, बेंगलूर को भेजना है और तीसरा तरीका इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड की नई प्रणाली का प्रयोग करना है.

डिजिटल हस्ताक्षर का प्रयोग किए बिना इलेक्ट्रॉनिक रूप से रिटर्न फाइल करने वाले करदाताओं को रिटर्न फाइल करने के 120 दिनों के अंदर पावती सीपीसी, बेंगलूर को भेजनी होती है. डिजिटल हस्ताक्षर करने वाले करदाताओं को सीपीसी नहीं भेजनी होती है. इसके अलावा, करदाता अब इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड (ईसीवी) का प्रयोग करते हुए सीपीसी, बेंगलूर को इसकी प्रति भेजे बिना अपना आयकर रिटर्न जमा कर सकते हैं.

ईसीबी का मतलब आयकर रिटर्न जमा करने वाले व्यक्ति के इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन के प्रयोजन से बनाया गया कोड है जो रिटर्न भरने वाले के पैन कार्ड से संबद्ध एक अछ्वुत नंबर होगा. इसे किसी अन्य पैन की आय का रिटर्न जमा करने के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकता.

एक ईवीसी एक रिटर्न के वैधीकरण के लिए उसके निर्धारण वर्ष या रिटर्न के प्रकार का विचार किए बिना प्रयोग किया जा सकता है. करदाता चार में से किसी एक तरीके से ईसीवी प्राप्त कर सकते हैं जिनमें नेट बैंकिंग, आधार संख्या, एटीएम या आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट शामिल है.

ई-फाइलिंग आयकर विभाग की वेबसाइट के माध्यम से की जा सकती है लेकिन अब क्लियर टैक्स और मायआईटीरिटर्नडॉटकॉम जैसी कंपनियां है जो ई-फाइलिंग को सरल बना रही है. आयकर रिटर्न भरने के दौरान सही फॉर्म का चयन करना भी कठिन काम माना जाता है क्योंकि सही फॉर्म का चयन नहीं कर पाने पर करदाता को कई तरह की समस्याओं का समाना करना पड सकता है.

सरकार ने आयकर रिटर्न भरने के लिए अलग-अलग आय वर्ग और समूह के लिए नये फॉर्म जारी किये हैं जिनमें से सही फॉर्म का चयन करना आवश्यक है.



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