मैगी के बचाव में उतरा एसोचैम,प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

Last Updated 06 Jul 2015 10:18:28 PM IST

उद्योग संगठन एसोचैम ने देश भर में प्रतिबंधित ‘मैगी’ के बचाव में उतरते हुये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है


मैगी के बचाव में उतरा एसोचैम

और कहा है कि मैगी प्रकरण के बाद अधिकारियों और सरकारी एजेंसियों द्वारा सुरक्षा के नाम पर तैयार किये माहौल से देश के खाद्य उद्योग को 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के जोखिम में पड़ने की आशंका है.

एसोचैम ने पा में कहा है, ‘‘हाल ही में मैगी को बाजार से वापस लिये जाने के आदेश से खाद्य उद्योग का विास कमजोर हुआ है, जिससे 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक के बाजार के लिए जोखिम है. इसी तरह से इस उद्योग का 40 अरब डॉलर का निर्यात प्रभावित होने का असर किसानों, महँगाई और देश के निवेश माहौल पर पड़ेगा.’’

उसने कहा कि हाल के सप्ताह में भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का नकारात्मक प्रचार हुआ है. नेस्ले के ब्रांड नाम मैगी से बिकने वाले नूडल्स के खिलाफ भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की कार्रवाई के बाद नूडल्स बनाने वाली अन्य कंपनियों को विभिन्न राज्य अधिकरणों की ओर से प्रेस विज्ञप्तियों के साथ नोटिस भेजे गये हैं. एसोचैम ने कहा कि मीडिया में सभी ब्रांड के नूडल्स को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया जा रहा है, जिससे उपभोक्ताओं ने पैक नूडल्स का इस्तेमाल बंद कर दिया है.

उसने प्रधानमंत्री को लिखा है कि कई राज्यों के अधिकारी सभी ब्रांड के नूडल्स को बाजार से हटाने का आदेश दे रहे हैं. इससे ग्राहकों के बीच अन्य खाद्य पदाथरें के प्रति भी भय का माहौल है. उसने कहा कि वैल्यू चेन के सभी कारखाने धीर-धीरे बंद हो रहे हैं. इनमें से कई लघु एवं मध्यम उपक्रम क्षेत्र के हैं. इनके बंद होने से रोजगार के अवसरों पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है.





 



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