भूकंप ने नेपाल की अर्थव्यवस्था को एक दशक पीछे धकेला
नेपाल में शनिवार को आए विनाशकारी भूकंप में बड़े पैमाने पर हुए जानमाल के नुकसान ने देश की अर्थव्यवस्था को एक दशक पीछे धकेल दिया है.
नेपाली अर्थव्यवस्था पहुंची एक दशक पीछे (फाइल फोटो) |
अमेरिकी भू्गर्भ सर्वेक्षण विभाग के आकड़ों के अनुसार भूकंप के कारण नेपाल की अर्थव्यवस्था को एक अरब से दस अरब डॉलर के बीच नुकसान होने का अनुमान है. नेपाल पहले से ही दुनिया के गरीब देशों में गिना जाता है, ऐसे में भूकंप का नुकसान उसके लिए और बड़ी मुसीबत साबित होने जा रहा है.
नेपाल में अंतर्राष्ट्रीय विकास क्षेा में कार्यरत अर्थशासियों के अनुसार शनिवार से लेकर अब तक नेपाल भूकंप के छोटे बड़े 100 से अधिक झटके झेल चुका है जिसके कारण बड़े पैमाने पर सड़कें, पुल और इमारतें ढह गयी हैं. इसने देश के आधारभूत संरचना क्षेत्र की नींव हिला कर रख दी है.
कयी जल विद्युत परियोजनाओं और बांधों को भी नुकसान हुआ है जिसका सही आंकलन अभी नहीं हो पाया है. आशंका है कि इतने बडे पैमाने पर हुए नुकसान की वजह से नेपाल विकास के स्तर पर करीब 50 दशक पीछे चला जाएगा.
भूकंप आने से पहले से ही नेपाल में सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर पड़ोसी देशों की तुलना में काफी धीमी बने रहने का पूर्वानुमान जताया जा चुका था. देश में रोजगार दर की महज चालीस प्रतिशत पर है.
वर्षों से चले आ रहे राजनीतिक गतिरोध के कारण देश में बहुवांछित निवेश भी अभी तक नहीं हो पाया है. नेपाल संयुक्त राष्ट्र के मानव विकास सूचकांक में इन्ही कारणों से काफी नीचे 145 वें पायदान पर है.
इन तमाम दिक्कतों के बीच भूकंप की विनाशलीला ने देश की अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका दिया है. देश में शनिवार को आया भूकंप वर्ष 1934 में आए भूकंप के बाद से सबसे बड़ा माना जा रहा है. इसमें अब तक 3725 लोग मारे जा चुके हैं. भारत समेत कयी देश बचाव और राहत कार्यों में मदद कर रहे हैं.
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