अब सामान्य टिकट पर दिन में स्लीपर में सफर संभव
सामान्य रेल टिकट पर सामान्य कोचों में सफर करने वाले यात्री अब दिन के समय स्लीपर कोच में उसी टिकट पर यात्रा कर सकेंगे.
सामान्य टिकट पर स्लीपर में यात्रा संभव |
इन यात्रियों को इस सुविधा के लिए कोई अतिरिक्त किराया नहीं देना होगा.
लेकिन यह सुविधा उन्हीं ट्रेनों के स्लीपर कोचों में मिलेगी, जो दिन में खाली चलते हैं अथवा यात्री न होने पर उन्हें लॉक करके चलाया जाता है. ऐसी ट्रेनों और कहां से कहां तक (रेल सेक्शन) यह सुविधा दी जाए, को नामित करने का अधिकार जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों को सौंपा गया है. जल्द ही जोनल महाप्रबंधक ऐसी ट्रेनों का चयन कर लेंगे और सुविधा शुरू हो जाएगी.
रेलवे की रोजाना चलने वाली सैकड़ों ट्रेनों में करीब 80 प्रतिशत यात्री अनारक्षित टिकट (सामान्य टिकट) पर सफर करते हैं. ऐसे करीब दो करोड़ यात्रियों को सामान्य कोचों में पर्याप्त जगह नहीं मिलती है. हालांकि इन्हीं सबके बीच कुछ सेक्शनों पर ऐसी सुपरफास्ट और मेल एक्सप्रेस ट्रेनें भी हैं, जिनमें दिन के समय स्लीपर कोच में यात्री नही होते हैं और वह खाली रहती हैं.
कुछ सेक्शनों पर यात्री नहीं होने के कारण इन्हें लॉक करके अंतिम स्टेशन तक पहुंचाया जाता है. ऐसे में जब ट्रेन चल ही रही है तो सामान्य टिकट के यात्रियों को स्लीपर कोच में सफर की अनुमति देने में क्या हर्ज है. इससे यह जरूर फायदा होगा कि ज्यादा से ज्यादा यात्री जगह मिलने की उम्मीद में अनारक्षित टिकट पर सफर करेंगे. ज्यादा टिकट बिकने पर रेलवे का राजस्व भी बढ़ेगा.
इस संबंध में कई जोनल महाप्रबंधकों ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि जब स्लीपर कोच कुछ स्टेशनों से अगले कुछ स्टेशनों तक खाली जाती है तो क्यों न इसमें अनारक्षित टिकट से सफर करने वालों को इसमें सफर की अनुमति दी जाए.
इस सुझाव की रेलवे बोर्ड ने समीक्षा करने के बाद जोनल रेलवे को अनुमति दे दी है, लेकिन यह अनुमति प्रायोगिक तौर पर छह माह के लिए दी गई है ताकि वास्तविक स्थिति का पता चल सके. इससे रेलवे को कितनी अधिक आय होगी, इसका भी अंदाजा लग जाएगा. हालांकि अभी स्लीपर कोच में सामान्य टिकटों पर यात्रा करने वाले यात्रियों को स्लीपर कोच के किराये के अंतर की धनराशि देनी पड़ती है और कई मामलों में इसमें न्यूनतम जुर्माना भी देना पड़ता है.
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