CBI को रेलवे में चार हजार करोड़ रूपये से अधिक के घोटाले का संदेह

Last Updated 21 Apr 2015 10:14:42 AM IST

रेलवे के अधिकारियों द्वारा साफ्टवेयर में गड़बड़ी के जरिए रेलवे में कम से कम चार हजार करोड़ रूपये के बड़े घोटाले की आशंका की जा रही है


रेलवे मे घोटाले का संदेह (फाइल फोटो)

रेलवे के अधिकारियों द्वारा साफ्टवेयर में गड़बड़ी के जरिए मालगाड़ियों के डिब्बों में माल के वास्तविक लदान को कथित रूप से कम दिखाकर रेलवे में कम से कम चार हजार करोड़ रूपये के बड़े घोटाले की आशंका को भांपते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा जल्द ही एक मामला दर्ज किए जाने की संभावना है.
   
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2012-13 में रेलवे ने 1008 मिलियन मीट्रिक टन माल की ढुलाई की और इससे 85,262 करोड़ रूपये कमाए जो उस अवधि के लिए कुल
राजस्व का 67 फीसदी बैठता है.
   
सूत्रों ने बताया कि राजस्व के लीकेज से होने वाले नुकसान को रोकने तथा डिब्बों में क्षमता से अधिक माल लादने से बचने के लिए माल को लदान वाले स्टेशन या रास्ते में या उसके गंतव्य पर पहुंच कर तौलने की जरूरत होती है.
   
सीबीआई में एक अधिकारी ने बताया कि ऐसी सूचना मिली है कि इस व्यवस्था से कई स्थानों पर इस प्रकार से छेड़छाड़ की गयी कि क्षमता से अधिक भार लदान छुप गया और डिब्बे का भार तय सीमा के भीतर नजर आया.
   
अधिकारी ने बताया, ‘इसमें सिस्टम के साफ्टवेयर से छेड़छाड़ कर अपराध के लिए बेहद आधुनिक तरीका अपनाए जाने का संदेह है.’
   
सूत्रों ने बताया कि ऐसी भी आशंका है कि रेलवे अधिकारियों, निजी वेंडरों और माल ढुलाई करने वाले आपरेटरों की मिलीभगत से यह कथित गड़बड़ी की गयी.
 
एक अधिकारी ने बताया, ‘माल के वास्तविक वजन को केवल पांच फीसदी कम दर्शाए जाने से ही वर्ष 2012-13 के आंकड़ों में 4263 करोड़ रूपये का अंतर हुआ. इससे न केवल

सरकारी खजाने को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है बल्कि निजी माल आपरेटरों को लगातार फायदा हो रहा है और रेलवे पटरियों और डिब्बों को नुकसान हो रहा है. रेलवे सुरक्षा पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है.’
   
रेलवे ने शोध विकास एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) के साथ मिलकर देशभर में विभिन्न स्थानों पर ले जाए जाने वाले सामान का वजन मापने के लिए 200 ‘इलैक्ट्रोनिक इन मोशन वे ब्रिजेज’ स्थापित किए थे.
 
इन ब्रिजों की स्थापना के लिए आरडीएसओ द्वारा छह वेंडरों का चयन किया गया था. ये ब्रिज अपने ऊपर से गुजरने वाली मालढुलाई ट्रेनों के डिब्बों का आटोमेटिक तरीके से वजन मापते हैं. सीबीआई के सूत्रों ने यह जानकारी दी.  सीबीआई सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने हाल ही में रेलवे के सतर्कता विभाग की मदद से प्रमुख माल परिवहन नाकों पर देशभर में छापे मारे थे और औचक निरीक्षण किया था.
   
औचक निरीक्षण दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश , तमिलनाडु , कर्नाटक , केरल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, राजस्थान और गुजरात आदि में किए गए थे.
   
इन औचक निरीक्षण के दौरान सीबीआई ने पाया था कि भार बताने वाले प्रोग्राम में छेड़छाड़ की गयी है जिससे भार वास्तव से कम दर्ज होता है.



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